India-Canada Relations: भारत-कनाडा के रिश्ते फिर से होंगे मजबूत! US बना इसकी वजह, जानें कैसे?

India-Canada Relations - भारत-कनाडा के रिश्ते फिर से होंगे मजबूत! US बना इसकी वजह, जानें कैसे?
| Updated on: 26-Mar-2025 08:15 PM IST

India-Canada Relations: भारत और कनाडा के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं। 2023 में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद इन संबंधों में तीखा तनाव देखने को मिला। कनाडा द्वारा इस हत्या की जांच में भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाए जाने के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया और छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। इसके जवाब में कनाडा ने भी अपने राजदूत को वापस बुला लिया, जिससे दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्ते निचले स्तर पर पहुंच गए।

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच संबंधों में सुधार

हाल ही में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और संभावित व्यापारिक प्रतिबंधों के बीच भारत और कनाडा अपने संबंधों में सुधार के प्रयास कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देश अपने राजनयिकों को वापस भेजने पर विचार कर रहे हैं, जिससे राजनयिक संवाद को फिर से स्थापित किया जा सके। यह एक सकारात्मक संकेत है कि दोनों देश विवादों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।

खुफिया सहयोग और वार्ताओं का नया दौर

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कनाडा के खुफिया प्रमुख डेनियल रोजर्स ने हाल ही में नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा आयोजित एक खुफिया सम्मेलन में भाग लिया था। यह बैठक दोनों देशों के बीच संवाद को फिर से बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

इसके अलावा, जून में कनाडा के अल्बर्टा में होने वाले ग्रुप ऑफ सेवन (G7) शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के बीच संभावित मुलाकात की संभावना भी जताई जा रही है। भारत G7 का एक पर्यवेक्षक देश है, और इस मंच का उपयोग करके दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में बातचीत हो सकती है।

भारत-कनाडा संबंधों का भविष्य

हालांकि दोनों देशों के बीच अभी भी कई विवादित मुद्दे हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रम यह संकेत देते हैं कि दोनों पक्ष संबंधों में सुधार के इच्छुक हैं। व्यापार, निवेश, शिक्षा और तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों में आपसी समझ को बढ़ावा देने की जरूरत है। यदि भारत और कनाडा विवादों को सुलझाकर अपने कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने में सफल होते हैं, तो यह न केवल दोनों देशों बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा।

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