कोरोना अलर्ट: कोरोना वायरस पर आर-पार, UNSC की बैठक में आमने-सामने आए चीन-अमेरिका

कोरोना अलर्ट - कोरोना वायरस पर आर-पार, UNSC की बैठक में आमने-सामने आए चीन-अमेरिका
| Updated on: 10-Apr-2020 09:18 AM IST
कोरोना वायरस महामारी इस वक्त दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। इस वायरस की शुरुआत चीन से हुई, जो अब दुनिया में अपने पैर पसार चुका है। अब इसी मसले पर जब संयुक्त राष्ट्र ने बैठक बुलाई तो अमेरिका और चीन यहां पर भी आमने-सामने आ गए। अबतक अमेरिका UN-WHO के रोल पर सवाल खड़े कर रहा था, तो वहीं चीन ने यहां बैठक में दोनों की जमकर तारीफ की।

चीन ने बैठक में क्या कहा?

दरअसल, कोरोना वायरस के मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गुरुवार को एक महाबैठक बुलाई, ये बैठक वर्चुअल थी। चीन ने यहां बैठक में कहा कि कोरोना वायरस एक ग्लोबल चुनौती है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जो अगुवाई की जा रही है चीन उसकी तारीफ करता है।

चीन की ओर से कहा गया कि कोरोना वायरस हर किसी के लिए खतरा है, जिसमें सभी को साथ आकर काम करना होगा। चीन संयुक्त राष्ट्र की उस अपील का भी समर्थन करता है, जहां उसने सभी देशों से अपने मतभेद भुलाकर पहले Covid-19 से लड़ने की बात कही। चीन ने यहां कहा कि चीन में जब कोरोना वायरस का संकट था, तब कई देशों ने उनकी मदद की। अब वो 100 से अधिक देशों को मदद पहुंचा रहे हैं।

अमेरिका ने बैठक में क्या कहा?

अमेरिका की ओर से एक बार फिर यहां बैठक में चीन की नीयत पर सवाल खड़े किए गए। अमेरिका ने कहा कि इस संकट के वक्त में जरूरत है कि पारदर्शिता रखी जाए, ताकि हर कोई सच्चाई जान सके। अमेरिका ने दावा किया कि वह इस वक्त दुनिया के अलग-अलग देशों के साथ मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।

बता दें कि अमेरिका की तरफ से पहले भी आरोप लगाया गया था कि चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर कोरोना वायरस की सच्चाई को छिपाया था, जिसका खामियाजा दुनिया भुगत रही है। इस बैठक में भी अमेरिका ने इस बात को दोहराया और अपील करते हुए कहा कि हर देश को सच के साथ सामने आने की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इस बैठक में ग्लोबल सीज़फायर की अपील की, जिसका अधिकतर देशों ने समर्थन किया। फ्रांस, वियतनाम, अमेरिका, चीन समेत कई देशों ने सीजफायर को सही ठहराया और इस वक्त कोरोना वायरस को सबसे बड़ी चुनौती बताया।

बता दें कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया में अबतक 15 लाख से अधिक लोग बीमार पड़े हैं, जबकि 70 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सिर्फ अमेरिका में ही 4 लाख से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में हैं।


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