Bangladesh Violence News: अब तक बांग्लादेश हिंसा में 72 की मौत, PM शेख हसीना के इस्तीफे की मांग तेज

Bangladesh Violence News - अब तक बांग्लादेश हिंसा में 72 की मौत, PM शेख हसीना के इस्तीफे की मांग तेज
| Updated on: 04-Aug-2024 09:06 PM IST
Bangladesh Violence News: बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा का दौर शुरू हो गया है। इस बार हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। रविवार (4 अगस्त) को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 14 पुलिस वाले भी शामिल हैं। वहीं अब तक गोली लगने से घायल हुए 40 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सरकार ने हिंसा पर काबू करने के लिए देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही अगले 3 दिनों के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। इसके अलावा राजधानी ढाका में दुकानों और बैंकों को बंद करने के आदेश भी दिए गए हैं।

पुलिस की तरफ से भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस और स्मोक ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। हिंसा को काबू करने के लिए सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है। साथ ही फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी रोक लगा दी है।

PM हसीना बोलीं- प्रदर्शन करने वाले छात्र नहीं आतंकवादी हैं

नेशनल कमेटी ऑन सिक्योरिटी अफेयर्स की बैठक में PM हसीना ने कहा है कि जो देश में प्रदर्शन कर रहे हैं वे छात्र नहीं बल्कि आतंकी हैं। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे इन आतंकियों को रोकने के लिए एकजुट हो जाएं। इस बैठक में हसीना के साथ बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के चीफ, पुलिस चीफ और टॉप सिक्योरिटी अफसर शामिल हुए थे।

शेख हसीना इसी साल जनवरी में लगातार चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी हैं। हालांकि इस चुनाव का प्रमुख दल विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने बहिष्कार किया था। BNP निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की मांग कर रही थी। चुनाव नतीजे आने के बाद देशभर में हिंसा और प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

काम पर जा रहे 2 मजदूरों की गोली लगने से मौत

बांग्लादेश के मुंसीगंज में पुलिस, सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई तीन तरफा झड़प में 2 मजदूरों की मौत हो गई। मुंसीगंज जिला अस्पताल के मुताबिक, मजदूरों की मौत गोली लगने से हुई। घटना पर पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि हमारी तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई। इस झड़प में 30 लोग घायल भी हुए है।

सत्ताधारी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के बीच पूर्वोत्तर जिले पाबना में झड़प हुई। इस झड़प में भी 3 लोगों की मौत हुई है वहीं, 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल कॉलेज पर हमला कर दिया। हमले के दौरान प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल के अंदर तोड़फोड़ की।

भारतीय उच्चायोग ने चेतावनी जारी की

बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों और छात्रों के लिए भारतीय उच्चायोग ने एडवाइजरी जारी की है। उच्चायोग की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए भारतीयों से सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। साथ ही उच्चायोग ने किसी भी प्रकार की सहायता या आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर +88-01313076402 जारी किया है।

आरक्षण विरोधी हिंसा में 150 से ज्यादा की मौत

पिछले महीने बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में 150 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

बांग्लादेश की सरकार ने 2018 में अलग-अलग कैटेगरी को मिलने वाला 56% आरक्षण खत्म कर दिया था, लेकिन इस साल 5 जून को वहां के हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को पलटते हुए दोबारा आरक्षण लागू कर दिया था। इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को हाईकोर्ट के फैसले में बदलाव करते हुए आरक्षण की सीमा 56% से घटाकर 7 प्रतिशत कर दी। इसमें से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को 5% आरक्षण मिलेगा, जो पहले 30% था। बाकी 2% में एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 93% नौकरियां मेरिट के आधार पर मिलेंगी।

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