India: अनाथों को अवैध रूप से गोद लेने से जुड़ी पोस्ट की उत्पत्ति साझा करें: सोशल साइट्स से सरकार

India - अनाथों को अवैध रूप से गोद लेने से जुड़ी पोस्ट की उत्पत्ति साझा करें: सोशल साइट्स से सरकार
| Updated on: 14-Jun-2021 12:22 PM IST
नई दिल्ली: चाइल्ड राइट्स बॉडी (Child right Body) ने अनाथ हुए बच्चों को अवैध रूप से गोद लेने वाले मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया है. निर्देश के मुताबिक, अनाथों को गोद लेने का विज्ञापन करने वाली पोस्ट्स का स्रोत साझा किया जाए.आयोग ने कहा कि उसे कई सोशल मीडिया पेजों और पोस्ट के बारे में शिकायतें मिली थीं, जिन्होंने कोविड -19 महामारी के कारण अनाथ बच्चों को गोद लेने का प्रचार किया था.अधिकार निकाय ने अनुपालन न करने की स्थिति में सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.चाइल्ड राइट्स बॉडी के मुताबिक स्रोत 10 दिनों के अंदर आयोग को भेजी जाए.

कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को अवैध रूप से गोद लेने पर चिंता व्यक्त करते हुए शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को आदेश दिया था कि वे उन एनजीओ (NGO) पर कार्रवाई करें जो अवैध रूप से बच्चों को गोद ले रहे हैं. जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने आदेश में कहा कि जेजे एक्ट, 2015 के प्रावधानों के अलावा किसी और तरीके से बच्चों को गोद लेने से रोका जाए.

‘बच्चों को गोद लेने के लिए आमंत्रण देना अवैध’

कोर्ट ने कहा कि बच्चों को गोद लेने के लिए आमंत्रण देना अवैध है और उन्हें कारा- सेंट्रल अडॉप्शन कंट्रोल अथॉरिटी, को शामिल कर गोद लिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा था इस गैरकानूनी काम में शामिल एनजीओ, एजेंसियों और व्यक्तियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं.कोर्ट ने कहा था कि इन एजेंसियों को बेसहारा हुए बच्चों के नाम पर फंड एकत्र करने और बच्चों को गोद लेने के लिए लोगों को आमंत्रित करने से रोका जाए.

कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब एनसीपीसीआर (NCPCR) द्वारा कोर्ट को बताया गया कि एनजीओ और कई लोग मीडिया में विज्ञापन देकर बच्चों को गोद लेने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.कोविड के कारण देश भर में अब तक 30,071 बच्चे बेसहारा हुए हैं. इनमें से 15620 बालक और 14447 बच्चियां हैं जिनकी उम्र एक माह से लेकर 18 वर्ष तक है. इन बच्चों के या तो दोनों माता पिता कोविड से मर गए हैं या माता-पिता में से एक की मृत्यु हुई है. इनमें 274 बच्चे सड़कों पर छूटे हुए मिले हैं. एनसीपीसीआर ने कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर कहा है कि 6 जून तक कोविड से अनाथ होने वाले बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 7084 और उसके बाद उत्तर प्रदेश 3172 में है.

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