Gold-Silver Price: सोने-चांदी की कीमतों में आई बड़ी गिरावट, क्या और गिरेगा दाम? जानें एक्सपर्ट के संकेत
Gold-Silver Price - सोने-चांदी की कीमतों में आई बड़ी गिरावट, क्या और गिरेगा दाम? जानें एक्सपर्ट के संकेत
सोने और चांदी की कीमतों में हाल ही में एक महत्वपूर्ण गिरावट। देखी गई है, जिसने निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों को आश्चर्यचकित कर दिया है। पिछले दस हफ्तों में पहली बार सोने के दाम गिरे हैं, जिससे बाजार में हलचल मची हुई है। इस गिरावट के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें मुनाफावसूली, भारत और चीन जैसे बड़े बाजारों में कमजोर मांग, और अमेरिकी डॉलर का लगातार मजबूत होना शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले हफ्ते भी सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव बना रह सकता है, हालांकि दीर्घकालिक दृष्टिकोण अभी भी मजबूत दिखाई दे रहा है।
अगले हफ्ते बाजार का रुख
हालिया गिरावट का एक बड़ा कारण निवेशकों द्वारा की गई मुनाफावसूली है। कीमतों में लगातार वृद्धि के बाद, कई निवेशकों ने अपने निवेश को भुनाना शुरू कर दिया, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा। इसके साथ ही, भारत और चीन जैसे सोने के सबसे बड़े उपभोक्ता देशों में मांग कमजोर रही है। भारत में खरीदार कीमतों में और गिरावट की उम्मीद में खरीदारी टाल रहे हैं, जबकि चीन और सिंगापुर में कम कीमतों ने कुछ खरीदारी को बढ़ावा दिया है। अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना भी सोने के लिए एक नकारात्मक कारक साबित। हुआ है, क्योंकि यह डॉलर-आधारित निवेशकों के लिए सोने को महंगा बनाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगले हफ्ते घरेलू बाजार में सोने की कीमतें कुछ हद तक स्थिर रह सकती हैं, लेकिन उन पर दबाव बना रहेगा। निवेशक प्रमुख केंद्रीय बैंकों की बैठकों, विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति और फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयानों पर बारीकी से नजर रखेंगे और इन घोषणाओं का वैश्विक बाजारों और डॉलर की चाल पर सीधा असर पड़ेगा, जो बदले में सोने की कीमतों को प्रभावित करेगा। जेएम फाइनेंशियल के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने पीटीआई को बताया कि "हाल ही में सोने की कीमतें दस हफ्तों में पहली बार गिर गईं, जिसका कारण निवेशकों की मुनाफा वसूली, भारत और चीन में कमजोर मांग तथा मजबूत अमेरिकी डॉलर है।विशेषज्ञों की राय और तकनीकी कारक
एंजेल वन के प्रथमेश माल्या ने बताया कि सोने में यह गिरावट निवेशकों के मुनाफा वसूली करने और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सुधार के संकेतों के कारण आई है। एमकेए ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की शोध विश्लेषक रिया सिंह ने इस सप्ताह सोने में एक दशक में सबसे तेज छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट का उल्लेख किया, जो मुख्य रूप से तकनीकी कारणों से हुई, क्योंकि कीमतें 4,300 डॉलर प्रति औंस के ऊपर टिक नहीं पाईं और उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में आशावाद और मजबूत डॉलर ने सोने में निवेश को सीमित किया।सोने का दीर्घकालिक दृष्टिकोण
हालांकि हालिया गिरावट चिंता का विषय हो सकती है, रिया सिंह ने इस। बात पर जोर दिया कि सोने का दीर्घकालिक नजरिया मजबूत बना हुआ है। अमेरिकी बजटीय घाटा, केंद्रीय बैंकों का डॉलर से दूर होना और भू-राजनीतिक जोखिम जैसे कारक सोने के लिए सकारात्मक बने रहेंगे। ये कारक सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में बनाए रखते हैं, खासकर अनिश्चित आर्थिक और राजनीतिक समय में।चांदी के बाजार की स्थिति
सोने की तरह, चांदी ने भी हाल ही में तेजी के बाद गिरावट का सामना किया है। एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 9,134 रुपये (5. 83 प्रतिशत) कम हुई, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 3. 02 प्रतिशत गिर गई। हालांकि, चांदी का दीर्घकालिक दृष्टिकोण भी मजबूत है। रिया सिंह ने बताया कि सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे उद्योगों में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे भविष्य में इसकी कीमतों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। इन बढ़ती औद्योगिक मांगों के कारण चांदी का मूल्य लंबे समय तक स्थिर रहने या बढ़ने की संभावना है।