West Bengal News: सुप्रीम कोर्ट का ममता सरकार को झटका- नहीं होगी 24 हजार शिक्षकों की बहाली...

West Bengal News - सुप्रीम कोर्ट का ममता सरकार को झटका- नहीं होगी 24 हजार शिक्षकों की बहाली...
| Updated on: 29-Apr-2024 05:50 PM IST
West Bengal News: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती को रद्द करने के मामले में ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने भर्ती को रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के एक हिस्से पर रोक लगा दी है. इसमें हाईकोर्ट ने शिक्षकों के पद बनाने में शामिल सभी लोगों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को बड़ा झटका देते हुए साल 2016 की शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया था. इस फैसले से राज्य में 24 हजार शिक्षक बेरोजगार हो गए. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अब अगले सोमवार को सुनवाई होगी.

5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने का आरोप

बताते चलें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में 2016 में हुई शिक्षक भर्ती रद्द कर दी थी. इतना ही नहीं अवैध नियुक्ति के जरिए टीचिंग कर रहे शिक्षकों से सैलरी लौटाने के लिए भी कहा. ये भर्तियां कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा अलग-अलग ग्रुप के लिए हुई थीं. हाईकोर्ट ने 2016 का पूरा जॉब पैनल रद्द कर दिया था. पैनल पर 5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने का आरोप है.

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस देवांशु बसाक की बेंच ने अपने फैसले में कक्षा 9वीं से 12वीं और समूह सी और डी तक की उन सभी नियुक्तियों को रद्द किया था, जिनमें अनियमितताएं पाई गईं. वेतन लौटाने के लिए चार हफ्ते का समय दिया. साथ ही 12 प्रतिशत ब्याज देने का भी आदेश दिया. इसके लिए कोर्ट ने जिला अधिकारियों को 6 सप्ताह का टाइम दिया.

जानिए क्या है पूरा मामला

इस मामले में टीएमसी के कई विधायक, नेता और शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर भी गाज गिरी थी. उन्हें भी गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच में चटर्जी के सहयोगियों के पास से करोड़ों रुपये बरामद किए गए थे.

यह घोटाला साल 2014 का है. पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन ने शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. साल 2016 में इसकी प्रक्रिया शुरू की गई. इसके बाद घोटाले की शिकायतें आईं. कम नंबरों वाले उम्मीदवारों के नाम मेरिट लिस्ट में सबसे ऊपर होने के आरोप लगे. इतना नहीं मेरिट में न होने वालों को भी नौकरी मिलने के आरोप लगे. इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां ममता सरकार को झटका लगा. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. यहां भी सरकार को झटका लगा है.

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