दिल्ली: स्टेडियम में हुई राशन आपूर्ति का ₹4 लाख बकाया मांगने पर सुशील ने मुझे पीटा था: दुकानदार

दिल्ली - स्टेडियम में हुई राशन आपूर्ति का ₹4 लाख बकाया मांगने पर सुशील ने मुझे पीटा था: दुकानदार
| Updated on: 31-May-2021 09:53 AM IST
नई दिल्ली: पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में फंसे सुशील कुमार पर एक के बाद एक लगातार आरोप लग रहे हैं. गैंगस्टर्स के साथ रिश्ते रखने के आरोप से लेकर उगाही तक. अब छत्रसाल स्टेडियम में राशन सप्लाई करने वाले एक व्यापारी ने सुशील कुमार और उनके साथियों पर मारपीट और पैसे नहीं चुकाने का आरोप लगाया है.

आज तक के अरविंद ओझा की खबर के मुताबिक, मॉडल टाउन इलाके में परचून और आटा चक्की की दुकान चलाने वाले सतीश गोयल का आरोप है कि वह सुशील कुमार की दबंगई का शिकार बन चुके हैं. सतीश गोयल ने बताया,

कोच के कहने पर 18 साल से स्टेडियम में राशन पहुंचाते थे. सतपाल जब कोच थे, तब सबसे पहले राशन की डिमांड शुरू हुई थी. साल 2020 में लॉक डाउन के दौरान बीरेंद्र नाम के कोच ने राशन मंगवाया था. बाद में उनका ट्रांसफर हो गया. मैं नए कोच से पैसे मांगने लगा. मेरा कुल चार लाख रुपये से ज्यादा का बकाया था. एक दिन अशोक नाम के शख्स ने स्टेडियम बुलाया और सारा बिल ले लिया.

उन्होंने आगे बताया,

दूसरे दिन धर्मा नाम के एक शख्स ने फोन करके कहा कि स्टेडियम आ जाओ, सुशील पहलवान ने बुलाया है. मैं तुरंत स्टेडियम गया. वहां सुशील कुमार बाकी पहलवानों के साथ बैठे थे. मैंने कहा कि मेरे चार लाख से ज्यादा रुपये हैं. पैसे नहीं मिले तो मैं मर जाऊंगा. सुशील ने कहा-अच्छा मर जाएगा तो ये ले मर. उसके बाद सुशील ने मुझे 3-4 हाथ मारा. उसके बाद उनके साथ मौजूद पहलवानों ने मेरी जमकर पिटाई की. मैं किसी तरह बच कर वापस आया. एक हफ्ते घर में रहा. घर से निकलने में डर लगता था कि कहीं ये लोग मुझे जान से ना मार दें. मैं एक आम आदमी हूं. इन लोगों का क्या कर पाता.

उन्होंने आगे बताया,

बाद में 8 सितंबर 2020 को मैंने पुलिस को शिकायत दी. पुलिस शिकायत में सुशील का नाम भी लिखा था. उस वक्त कोई जांच नहीं हुई, अब जाकर पुलिस वालों के फोन आ रहे हैं कि एक्शन लेंगे. सुशील का साथी अजय लॉकडाउन में राशन बांटने के लिए मुझसे राशन ले गया आज तक 25 हजार नहीं दिए. बाद में स्टेडियम के लड़कों ने बताया कि हमसे तो कोच वगैरह ने आपको देने के लिए पैसे जुटाए थे.

व्यापारी का कहना है कि स्टेडियम में बड़ी-बड़ी गाड़ियां खड़ी रहती थीं. हमें क्या मालूम था गुंडागर्दी चल रही है. हमें लगता था प्लेयर हैं खेल कर कमाए होंगे.

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