काबुल: एक कहावत है कि प्रेम और युद्ध में कुछ भी संभव है! Afghanistan से जाते-जाते अमेरिकी सैनिक भी Taliban के साथ प्रैंक (prank-शरारत) बना गए। दरअसल, अमेरिका अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में अपने सैन्य हथियार, उपकरण और कुछ हेलिकॉप्टर्स छोड़कर गया है। तालिबान को लगा था कि वो इनका इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन जब उसने इन्हें चेक किया, तो माथा ठोंक लिया। सबके सब कबाड़ निकले। अमेरिकी सैनिक जाते-जाते इन्हें डैमेज करके चले गए, ताकि तालिबान इन्हें यूज नहीं कर सके। यानी अब ये चीजें सिर्फ बच्चों के खेलने के काम की रह गई हैं।
आधी रात अफगानिस्तान छोड़ा अमेरिकी सेना नेतालिबान ने अमेरिका को अफगानिस्तान छोड़ने के लिए 31 अगस्त की तारीख तय की थी। अमेरिका ने 30 अगस्त की आधी रात अफगानिस्तान से अपना पूरी तरह बोरियां-बिस्तरा समेट लिया। लेकिन जाते-जाते वो उन सभी विमानों और रॉकेट डिफेंस सिस्टम को डैमेज कर गया, जिनका इस्तेमाल हो सकता था।
अमेरिका के किसी काम के नहीं बचे थेसैन्य एक्सपर्ट मानते हैं कि अमेरिका यहां जिन हथियारों और सैन्य सामग्री का इस्तेमाल कर रहा था, वे यहीं के लिए उपयोगी थे। दूसरी परिस्थितियों के लिए वे बेकार थे। अमेरिका ने इन सामग्री को इसलिए खराब किया, ताकि तालिबान चाहते हुए भी इनका दुरुपयोग नहीं कर सके।
20 साल बाद अमेरिका की वापसीAfghanistan से 20 साल बाद अमेरिकी सेना की पूरी तरह वापसी हो गई। देर रात अमेरिकी सेना के अंतिम तीन सी-17 विमानों ने काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी। अमेरिकी सेना की रवानगी के साथ ही तालिबान लड़ाके एयरपोर्ट के अंदर घुस गए। उन्होंने अमेरिकी सेना द्वारा छोड़ी गईं वर्दी पहन रखी थीं। हथियार भी अमेरिका के ही थे। वे हथियार लहराते हुए अंदर घुसे। तालिबान के लड़ाकों ने रातभर जश्न मनाया। इस तरह 19 साल;10 महीने और 10 दिन बाद अमेरिका का अफगानिस्तान में सैन्य अभियान समाप्त हो गया।