महाराणा प्रताप: राजस्थान के उज्ज्वल इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं- कुम्पावत

महाराणा प्रताप - राजस्थान के उज्ज्वल इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं- कुम्पावत
| Updated on: 23-Jun-2020 07:35 PM IST
पाली | राजस्थान प्रदेश कांग्रेस खनन विकास व उत्थान प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. यशपाल सिंह कुम्पावत (Rajasthan Youth Congress Yashpal Singh Kumpawat) ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम में मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़छाड़ को अनुचित बताया है, कुम्पावत ने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ को कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। कुम्पावत ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूली पाठ्यक्रम में मेवाड़ के इतिहास को तोड़ मरोड़कर कर पेश कर इतिहास का अपमान किया है जो बेहद निंदनीय व अस्वीकार्य है।

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बांगड़ महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष से राजनीतिक सफर शुरू करके प्रदेश स्तरीय युवा कांग्रेस के नेताओं में शुमार डॉ. कुम्पावत ने कहा कि यदि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा इतिहास के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की जाती है तो उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश के स्वाभिमान के प्रतीक है। महाराणा प्रताप की देशभक्ति से पूरी दुनिया प्रेरणा लेती है। कुम्पावत ने कहा कि महाराणा प्रताप देश के गौरव थे और हमेशा रहेंगे। कुम्पावत ने कहा कि महाराणा प्रताप महान थे और उनकी महानता को किसी प्रमाण की आवश्यकता नही है।

कुम्पावत ने कहा कि महाराणा प्रताप के बलिदान व उनकी वीर गाथा को कभी भुलाया नही जा सकता, वो युगों युगों तक अमर रहेगी। कुम्पावत ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड वीर भूमि राजस्थान के गौरव को अपमानित करने वाले सभी तथ्य तुरंत प्रभाव से हटाये व वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का शौर्यपूर्ण इतिहास सामने लाया जाए, जिससे भावी पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत हो। यदि युवा पीढ़ी को गलत ढंग से इतिहास पढ़ाया गया, तो युवा पीढ़ी राजस्थान के गौरवशाली इतिहास के अध्ययन से वंचित रह जायेगी। कुम्पावत ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में इतिहास की पुस्तक में महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में बदलाव कर युद्घ में अकबर की सेना की असफलता सिद्ध करने वाले तथ्य हटाए है और महाराणा प्रताप की वीरगाथा को कमजोर करने की कोशिश की है।

कुम्पावत ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मांग है कि स्कूली पाठ्यक्रम में राजस्थान की वीरता के गौरवममयी इतिहास को छात्र- छात्राओं को पढ़ाए, ताकि युवा पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत हो और युवा पीढ़ी ऐसे वीर महापुरुषों का अनुसरण कर सके।

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