US-China Tariff Deal: 90 दिनों के लिए चीन को टैरिफ छूट, जिनपिंग को ट्रंप ने बताया अच्छा दोस्त

US-China Tariff Deal - 90 दिनों के लिए चीन को टैरिफ छूट, जिनपिंग को ट्रंप ने बताया अच्छा दोस्त
| Updated on: 12-Aug-2025 11:39 AM IST

US-China Tariff Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार, 11 अगस्त, 2025 को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर चीन के साथ व्यापारिक टैरिफ पर 90 दिनों की मोहलत को और बढ़ा दिया। इस फैसले ने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक संभावित खतरनाक टकराव को फिलहाल टाल दिया है। ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "मैंने चीन पर टैरिफ निलंबन को और 90 दिनों के लिए बढ़ाने वाला कार्यकारी आदेश подпис किया है। समझौते के अन्य सभी तत्व समान रहेंगे।" इस कदम को दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं को और समय देने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है।

ट्रम्प और शी: एक नई शुरुआत?

ट्रम्प ने अपने बयान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपने "बहुत अच्छे" संबंधों का उल्लेख किया और कहा कि "चीन काफी अच्छे से व्यवहार कर रहा है।" यह बयान इस ओर इशारा करता है कि दोनों नेताओं के बीच इस वर्ष के अंत में एक शिखर सम्मेलन की संभावना बन रही है। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि यह विस्तार दोनों देशों को अपने दीर्घकालिक व्यापारिक मतभेदों को सुलझाने और एक स्थायी समझौते की दिशा में काम करने का अवसर देता है।

टैरिफ संकट से राहत

इस विस्तार से पहले, मंगलवार (12 अगस्त, 2025) को रात 12:01 बजे टैरिफ निलंबन की समयसीमा समाप्त होने वाली थी। अगर यह मोहलत नहीं बढ़ाई जाती, तो अमेरिका चीनी आयात पर 145% तक टैरिफ बढ़ा सकता था, जबकि चीन जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी निर्यात पर 125% तक शुल्क लगा सकता था। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते लगभग एक व्यापारिक नाकेबंदी की स्थिति में पहुंच सकते थे।

वर्तमान में, अमेरिकी टैरिफ चीनी आयात पर 30% (10% आधार दर और 20% फेंटानिल-संबंधी टैरिफ सहित) और चीनी टैरिफ अमेरिकी निर्यात पर 10% पर बने हुए हैं। इस 90-दिवसीय विस्तार से टैरिफ को 10 नवंबर, 2025 तक स्थिर रखा जाएगा, जिससे क्रिसमस की खरीदारी के लिए महत्वपूर्ण शरदकालीन आयात अवधि के दौरान आपूर्ति श्रृंखलाओं को राहत मिलेगी।

अमेरिकी कंपनियों और व्यापार परिषद की प्रतिक्रिया

अमेरिकी-चीन व्यापार परिषद के अध्यक्ष सीन स्टीन ने इस विस्तार को "महत्वपूर्ण" बताया। उन्होंने कहा, "यह दोनों सरकारों को एक व्यापार समझौते पर बातचीत करने का समय देता है, जो अमेरिकी कंपनियों को चीन में बेहतर बाजार पहुंच और मध्यम-से-दीर्घकालिक योजनाओं के लिए आवश्यक निश्चितता प्रदान करेगा।" खास तौर पर, यह विस्तार अमेरिकी खुदरा विक्रेताओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो साल के अंत में छुट्टियों के मौसम की तैयारी कर रहे हैं।

पहले क्या हुआ?

इससे पहले, मई 2025 में जिनेवा में हुई वार्ता में दोनों देशों ने अपने उत्पादों पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ को कम करने का फैसला किया था, जिसने एक आर्थिक तबाही को टाल दिया था। उस समय अमेरिकी टैरिफ 145% और चीनी टैरिफ 125% तक पहुंच गए थे, जो वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल का कारण बने थे। जिनेवा समझौते के बाद, टैरिफ को घटाकर 30% (अमेरिका) और 10% (चीन) कर दिया गया।

जून में लंदन और जुलाई में स्टॉकहोम में हुई अतिरिक्त वार्ताओं ने इस निलंबन को और मजबूत किया। जून में दोनों पक्षों ने तनाव कम करने के लिए समझौते किए, जिसमें अमेरिका ने कंप्यूटर चिप तकनीक और पेट्रोकेमिकल उत्पादन में उपयोग होने वाले ईथेन पर निर्यात प्रतिबंध हटाने और चीन ने दुर्लभ मृदा खनिजों तक पहुंच आसान बनाने का वादा किया।

क्या है चुनौती?

हालांकि यह विस्तार आपूर्ति श्रृंखलाओं और वैश्विक बाजारों के लिए अल्पकालिक स्थिरता प्रदान करता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह महज एक अस्थायी राहत है। दोनों देशों के बीच बौद्धिक संपदा संरक्षण, औद्योगिक सब्सिडी, और बाजार पहुंच जैसे गहरे मुद्दों पर अभी भी सहमति बननी बाकी है। अंतरराष्ट्रीय संकट समूह के विशेषज्ञ विलियम यांग ने चेतावनी दी है कि "चीन अपनी दुर्लभ मृदा खनिजों की निर्यात शक्ति का उपयोग करके अमेरिका पर दबाव बनाए रखेगा।"

इसके अलावा, अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव के कारण घरेलू राजनीतिक दबाव भी ट्रम्प प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है। चीन के साथ किसी भी बड़े समझौते को कमजोरी के रूप में देखा जा सकता है, जिससे ट्रम्प की रणनीति सीमित हो सकती है। दूसरी ओर, अमेरिकी निर्यातक, विशेष रूप से कृषि और प्रौद्योगिकी क्षेत्र, टैरिफ राहत की मांग कर रहे हैं।

भविष्य की संभावनाएं

90 दिनों का यह विस्तार दोनों देशों को एक स्थायी व्यापार ढांचे पर काम करने का मौका देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आगामी वार्ताएं—संभवतः ट्रम्प और शी की मुलाकात के साथ—आंशिक समझौतों तक पहुंचती हैं, तो यह निलंबन और आगे बढ़ सकता है। हालांकि, अगर वार्ताएं रुकती हैं या भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो यह समझौता अचानक खत्म भी हो सकता है।

इस बीच, व्यवसायों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को लचीला बनाएं और संभावित टैरिफ वृद्धि के लिए तैयार रहें। यह विस्तार निश्चित रूप से छुट्टियों के मौसम के लिए राहत लेकर आया है, लेकिन दीर्घकालिक अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।

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