Maharashtra Cabinet: ढाई साल होगा महाराष्ट्र में मंत्रियों का कार्यकाल, देना होगा शपथ पत्र

Maharashtra Cabinet - ढाई साल होगा महाराष्ट्र में मंत्रियों का कार्यकाल, देना होगा शपथ पत्र
| Updated on: 15-Dec-2024 06:37 PM IST
Maharashtra Cabinet: महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चल रहे सस्पेंस का अंत रविवार को नागपुर में हुआ, जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इस दौरान 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इस आयोजन में सीएम देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, एकनाथ शिंदे और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मंत्रिमंडल में बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना शिंदे गुट के नेताओं को शामिल किया गया।

ढाई साल का कार्यकाल: राजनीति में नया प्रयोग

इस बार मंत्रियों को पूरा कार्यकाल नहीं, बल्कि सिर्फ ढाई साल के लिए शपथ दिलाई गई है। शपथ ग्रहण के दौरान मंत्रियों को शपथ पत्र भी लिखना होगा, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि उनका कार्यकाल सिर्फ ढाई साल का रहेगा। इस नए फॉर्मूले को लेकर राज्य में चर्चाएं तेज हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीजेपी के मंत्रियों पर भी यह नियम लागू होगा या सिर्फ शिवसेना और एनसीपी के नेताओं के लिए है।

नए चेहरे और पुरानी नाराजगी

मंत्रिमंडल में जहां कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया, वहीं कई पुराने मंत्रियों ने अपनी जगह बरकरार रखी। लेकिन मंत्री पद से वंचित नेताओं में असंतोष साफ नजर आया। शिवसेना विधायक भोंडेकर ने मंत्री पद न मिलने पर पार्टी के उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, आरपीआई के प्रमुख रामदास अठावले ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें वादा किया गया था कि एक कैबिनेट मंत्रालय और एक विधान परिषद सीट दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

महागठबंधन की जटिलताएं

इस विस्तार में बीजेपी के 19, एनसीपी के 9 और शिवसेना शिंदे गुट के 11 विधायकों को शामिल किया गया। यह साफ दर्शाता है कि महागठबंधन के भीतर शक्ति संतुलन साधने की कोशिश की गई है। हालांकि, यह संतुलन कुछ नेताओं को संतुष्ट करने में नाकाम रहा।

शिवसेना और एनसीपी के मंत्रियों पर शपथ पत्र का दबाव

शिवसेना के मंत्रियों को ढाई साल के कार्यकाल के बाद पद छोड़ने का वादा करना पड़ा। यह शपथ पत्र उनके भविष्य को सीमित करता है और पार्टी के अंदर अनुशासन सुनिश्चित करने की कोशिश करता है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस फैसले को पार्टी की बैठक में स्पष्ट किया।

अजित पवार का बयान: BJP के लिए अनिश्चितता

अजित पवार ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि यह ढाई साल का फॉर्मूला उनके गठबंधन के लिए लागू होगा, लेकिन बीजेपी इस पर सहमत है या नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। उनके इस बयान ने गठबंधन के अंदर संभावित दरारों की ओर इशारा किया है।

भविष्य की राजनीति का संकेत

महाराष्ट्र में यह मंत्रिमंडल विस्तार महज एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि राजनीति के नए समीकरणों का संकेत है। महागठबंधन के घटक दलों के बीच यह ढाई साल का समझौता सत्ता साझा करने का एक अनूठा प्रयोग है। लेकिन इससे जुड़े विवाद और नाराजगी आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति को किस दिशा में ले जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

इस मंत्रिमंडल विस्तार के साथ महाराष्ट्र में नई राजनीति की शुरुआत हुई है, जो कई बदलावों और चुनौतियों से भरी होगी।

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