Viral News: साफ-सफाई पर खर्च होने वाली करोड़ों की रकम की भरपाई अब सिगरेट कंपनियों से होगी, हो रही है तैयारी
Viral News - साफ-सफाई पर खर्च होने वाली करोड़ों की रकम की भरपाई अब सिगरेट कंपनियों से होगी, हो रही है तैयारी
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Updated on: 31-Mar-2021 06:29 PM IST
नई दिल्ली: अक्सर आपने बाजारों, पब्लिक प्लेस या फिर सड़क पर सिगरेट (Cigarette) के बट इधर-उधर पड़े देखे ही होंगे। ये न सिर्फ गंदगी फैलाते हैं बल्कि मिट्टी या नदी में जाकर उन्हें भी प्रदूषित करते हैं। लेकिन अब बिट्रेन (UK) की सरकार इसके लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। रोड और गलियों की साफ-सफाई पर खर्च होने वाली करोड़ों की रकम की भरपाई अब सिगरेट कंपनियों से करने की तैयारी हो रही है। यानी साफ है सरकार नुकसान के मेन सोर्स यानी सिगरेट निर्माता कंपनियों की ओर देख रही है। ब्रिटेन के राजनेता प्रदूषण से निजात पाने को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर चुके हैं। डेली मेल की खबर के मुताबिक देश के सांसदों ने खुद इस बड़ी समस्या पर काबू पाने के लिए अब टोबैको कंपनियों पर इस तरह का टैक्स (Tax) लगाने की मांग की है। जिसे 'Tax on Cigarette Giants' भी कहा जा रहा है।सरकारी तैयारी के तहत इन कंपनियों पर अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा ताकि उसे आने वाले पैसे का इस्तेमाल सड़कों की सफाई में किया जा सके। एक अनुमान के मुताबिक हर साल बड़े पैमाने पर होने वाली गंदगी की सफाई पर करीब 40 मिलियन पाउंड की रकम खर्च की जाती है। ब्रिटेन सरकार पहले भी इस समस्या से निजात दिलाने की कोशिश कर चुकी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वहां गलियों और रोड की सफाई में लगभग इतना ही खर्च आता है।इससे पहले भी कंपनियों को स्वेच्छा से सिगरेट बट्स को डिस्पोज करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन यह योजना कारगर साबित नहीं हो सकी। इसके अलावा सिगरेट पीने वालों को साथ में मूविंग एशट्रे रखने के लिए भी प्रोत्साहित करने का उपाय भी काम नहीं कर पाया। सिंगल यूज प्लास्टिक पर टैक्स लगाया जा सकते हैं, जिसमें सिगरेट बट्स भी शामिल हैं। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि बट्स हमारे समाज के लिए नुकसानदेह हैं, ये हमारी सड़कों को गंदा करते हैं, साथ ही बहकर जाने पर नदियों और समंदर को प्रदूषित करते हैं। उन्होंने कहा, 'हमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूर कदम उठाना चाहिए। हम ये जरूर तय करेंगे कि तंबाकू उद्योग अपनी जिम्मेदारी निभाए। यही वजह है कि अब हम यह विचार कर रहे हैं कि कैसे सिगरेट कंपनियों को उनके प्रोडक्ट से होने वाले गंदगी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके।'बता दें सिगरेट बट्स में भारी तादाद में प्लास्टिक और फाइबर होता है। साथ ही इसके भीतर जहरीले केमिकल भी मिले होते हैं। यह बट्स हमारे पर्यावरण में कई साल तक रह सकते हैं और केमिकल्स को हवा में छोड़ सकते हैं। इसके जरिए हमारा पानी, पौधे और जीव-जन्तु प्रभावित होते हैं।
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