देश: हिन्दू-मुस्लिम का DNA एक तो धर्म परिवर्तन कानून की जरूरत क्यों?
देश - हिन्दू-मुस्लिम का DNA एक तो धर्म परिवर्तन कानून की जरूरत क्यों?
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Updated on: 15-Jul-2021 06:34 AM IST
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को बढ़ती महंगाई, राम जन्मभूमि और संघ की कार्यशैली को लेकर भाजपा और मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने रामजन्मभूमि ट्रस्ट के जमीन खरीदी घोटाला पर कहा कि मैंने भी चंदा दिया है। विश्व हिंदू परिषद और भाजपा ने आस्था को भी अवसर में बदल दिया। भ्रष्टाचार हुआ है। ट्रस्ट में सिर्फ नृत्य गोपाल दास महाराज प्रमाणिक सन्त हैं, बाकी नहीं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले चंदा की जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही चम्पत राय को हटाया जाए और उन पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में देश के प्रमाणिक संत शामिल होने चाहिए। उन्होंने मोहन भागवत के हिंदू मुस्लिम के डीएनए एक होने वाले बयान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि ऐसा है तो उनके लोग अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों से भेदभाव क्यों करते हैं? यदि हिन्दू और मुस्लिम का DNA एक है तो लव जिहाद और धर्म परिवर्तन कानून की क्या जरूरत है?नेमावर कांड को लेकर चल रही जांच पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने सीबीआई या मजिस्ट्रेट की निगरानी में जांच की मांग की है। पूर्व सीएम ने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सब के दाम काफी बढ़ गए हैं। जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय लोग परेशान हैं। प्रधानमंत्री के उज्ज्वला योजना के पोस्टर लगे हुए हैं। सरकार को उनपर कालिख पोत देना चाहिए। महंगाई की मार से गरीब तबका परेशानउन्होंने कहा कि महंगाई की मार से गरीब तबका तो परेशान है ही,अब मध्यम वर्ग की भी कमर टूटने लगी है। पीएम मोदी के बड़े-बड़े पोस्टर लगे रहते हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने अद्भुत काम कर दिया है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में रसोई गैस के साढ़े तीन सौ रुपए से ज्यादा दाम बढ़ गए हैं। जनसंख्या नीति पर दिग्विजय सिंह ने केरल राज्य का उदाहरण देते हुए कहा कि केरल में ईसाई और मुस्लिम ज्यादा हैं। फिर भी जन्मदर कम है। वास्तव में शिक्षा और गरीबी हटा दें तो जनसंख्या नियंत्रण हो जाएगा। धार्मिक विभाजन नहीं करें। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ की कथनी और करनी में अंतर है। मोहन भागवत कहते हैं कि हिन्दू मुस्लिम का DNA एक है। यदि ऐसा है तो फिर बीजेपी फूट डालो की राजनीति क्यों करती है। डीएनए एक है तो लव जिहाद कानून क्यों बना? धर्मांतरण कानून की क्या जरूरत है?
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