उदयपुर की भगौड़ी दुल्हन हंसा की कहानी: जांच अधिकारी ने चालान में लिखा-ऐसी काेई महिला ही नहीं, डीएसपी ने दाे माह में खोज निकाला

उदयपुर की भगौड़ी दुल्हन हंसा की कहानी - जांच अधिकारी ने चालान में लिखा-ऐसी काेई महिला ही नहीं, डीएसपी ने दाे माह में खोज निकाला
| Updated on: 22-Jun-2020 06:36 AM IST

उदयपुर  शादी का झांसा देकर 1.15 लाख रुपए ऐंठने के एक साल पुराने मामले में तीन जांच अधिकारी (आईओ) बदले। तीसरे ने तो अपने चालान में यह तक लिख दिया था कि जिस भगोड़ी दुल्हन को अभियुक्त बताया जा रहा है, वैसी कोई महिला होने की संभावना ही नहीं है।

यह कोर्ट में चालान से पहले चौथी आईओ डीएसपी चेतना भाटी के पास पहुंचा, जिन्होंने दो महीने की जांच में हंसा नाम की इस अभियुक्त को खोज निकाला। वह गाेगुंदा के वाटी निवासी जवान सिंह पुत्र चंदन सिंह से शादी के करीब एक हफ्ते बाद ही घर छोड़ भागी थी। जानकारों का कहना है कि तीसरे आईओ का चालान पेश होता (जिसमें फर्जी शादी करने वाली लड़की ही नहीं थी) ताे वे चाराें अभियुक्त भी काेर्ट से आसानी से छूट जाते, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था।

हंसा की यह तीसरी शादी, पहले भी दो शादियां और चार संतानें हंसा की, रिश्तेदार से खुला मामला

घटनाक्रम के वक्त मदन सिंह गोगुंदा थानाधिकारी थे और जांच एएसआई रतन सिंह कर रहे थे। इससे पहले सुल्तान सिंह और पीरा राम आईओ थे। इनका ट्रांसफर हो गया। केस एएसआई रतन सिंह को मिला, जिन्होंने अपने चालान में साफ लिख दिया था कि इस प्रकार की काेई महिला हाेने की संभावना नहीं है। इसी बीच जवान सिंह आईजी के पास पहुंच गया, जिसके बाद जांच डीएसपी चेतना भाटी के पास आई।

चुनौती यह थी कि किसी भी आाईओ के पास हंसा से जुड़े दस्तावेज नहीं थे। आाईओ पीरा राम ने अपनी डायरी में जरूर लिखा था कि महिला हंजा या लीला नाम की हाे सकती है। डीएसपी चेतना ने ने पूछताछ के आधार पर हंसा के पीहर का पता किया। वहां लोगों से पूछताछ की ताे पहले पति देवा, दूसरे लक्ष्मण, फिर तीसरे जवान सिंह का पता चला। सबके बयान लिए और इन तीनों के गांव के सरपंच के बयान भी लिए। आखिरकार साबित हो गया कि हंसा है और उसने शादियां रचाई हैं।

एफआर के करीब जाते-जाते ऐसे फंसा मामला हंसा का

दरअसल, परिवादी जवान सिंह आईजी बिनीता ठाकुर के सामने पेश हुआ था। आदेश पर जांच डीएसपी भाटी के पास पहुंची। जवान सिंह ने काेर्ट में इस्तगासा के जरिए 1 जून, 2019 काे गाेगुंदा थाने में खमनोर के सिराेही भागल निवासी साेहन पुत्र भंवर सिंह और सेमा निवासी मांगू पुत्र उदय सिंह के खिलाफ रिपाेर्ट दी थी। बताया कि इन दाेनाें ने घर आकर माता-पिता के सामने मेरी शादी का जिक्र किया।

गरीब परिवार की लड़की बता 1.15 लाख रुपए में शादी का प्रस्ताव रखा। लेन-देन के बाद बात पक्की हुई और कुछ दिन बाद लिखा-पढ़ी कर नाता विवाह हुआ। हंसा 7 दिन साथ रही, फिर जवानसिंह का घर छाेड़ भागी। उसके नहीं लौटने पर अभियुक्ताें को रुपए वापस मांगे तो धमकाने लगे। मामले में सोहन और मांगू के अलावा औगणा के दाड़मिया निवासी प्रकाश पुत्र लालू राम गमेती और केलवाड़ा के समीचा निवासी रतन पुत्र खुमाण सिंह काे भी गिरफ्तार किया गया। इन सबकी काेर्ट से जमानत भी हाे चुकी थी। प्रकाश और हंसा रिश्तेदार हैं।

चैलेंजिंग इन्वेस्टिगेशन था,आईओ ने टास्क पूरा किया : आईजी

मामले का इन्वेस्टिगेशन काफी चैलेंजिंग था और आईओ ने काफी मेहनत कर टास्क पूरा किया। इसमें महिला के अस्तित्व काे सामने लाना था ताकि मामला काेर्ट में स्टेंड कर सके और आराेपियाें काे सजा हाे।  

बिनीता ठाकुर, आईजी, उदयपुर रेंज

इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर की जांच का यह चार्ट जाे बताता है, हंसा है

  • वरदी गमेती : दाे पुत्र - कनजी, पत्नी लीमड़ी और पुनाजी
  • कनजी के संतान : अभियुक्त हंसा, रेशमी, जेलरी, भुरकी, प्रेमा, मालाराम, किशन, रमेश।
  • हंसा के पति : पहला पति ओगणा के महुला निवासी देवा पुत्र गुणा, जिसकी माैत हाे चुकी है। इससे हंसा के बेटा शंकर हुआ था, जिसका अता-पता नहीं है। 
  • दूसरी शादी : ओगणा भीमड़ी गांव के लक्ष्मण से हुई जहां 10 साल तक रहीं जिससे तीन पुत्रियां कंकू, शांता और सुगना हुई।
  • तीसरी शादी : जवान सिंह से की जिसकाे 7 दिन में छाेड़कर भाग गई।
  • मुख्य गवाह : पूर्व पति देवा के गांव के सरपंच देवीलाल, लक्ष्मण के गांव के सरपंच करणसिंह, जीवन के गांव की सरपंच मंजू के पति और हंसा के पीहर ओगणा के अजयपुरा सरपंच माेहन। सरपंचाें ने पूरा चिट्ठा बताया कि कब शादी की और कब वहां से दूसरे के साथ नाता हुआ।
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