दिल्ली आग: मृत मजदूर का भाई को किया गया आखिरी कॉल 'मरने वाला हूं मैं, परिवार और बच्चों का खयाल रखना
दिल्ली आग - मृत मजदूर का भाई को किया गया आखिरी कॉल 'मरने वाला हूं मैं, परिवार और बच्चों का खयाल रखना
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Updated on: 09-Dec-2019 10:39 AM IST
नई दिल्ली: दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी इलाके में स्थित चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह भीषण आग लगने से 43 श्रमिकों की मौत हो गई। जिस समय फैक्ट्री में आग लगी तब अधिकांश मजदूर वहां सो रहे थे। आग की लपटों में घिरे यूपी के एक 30 साल के कर्मचारी ने अपने भाई को आखिरी कॉल किया। यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाले मुशर्रफ अली नाम के इस शख्स ने फोन पर कहा कि 'मैं मरने वाला हूं। । । । घर का और बच्चों का खयाल रखना। मुशर्रफ यहां चार साल से काम कर रहे थे, उनके परिवार में तीन बेटियां और एक बेटा है। मुशर्रफ का परिवार बिजनौर में रहता है। हादसे में मुशर्रफ ने भी जान गंवा दी। मुशर्रफ ने फोन पर अपने भाई से कहा, 'मैं मरने वाला हूं भाई। हर जगह आग लगी हुई है। भाई, कल दिल्ली आओ और मुझे ले जाओ। हर जगह आग है और बचने का कोई रास्ता नहीं है। 'मैं आज जीवित नहीं रहूंगा। भाई कृपया मेरे परिवार का ख्याल रखना। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। बस आकर मुझे ले जाओ। परिवार को संभालना। मुशर्रफ ने कहा कि वह मौत की खबर को घर के बड़ों को दे दे। जब मुशर्रफ के भाई ने उसे खुद को बचाने की कोशिश करने के लिए कहा, तो उसने कहा, 'अब कोई रास्ता नहीं बचा है। सांस भी नहीं लिया जा रहा है। आग चारों तरफ से फैल रही है। मैं मरने वाला हूं भाई, बस तीन-चार मिनट बाकी हैं । यह सब भगवान की मर्जी है। 'बता दें कि दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री मालिक मोहम्मद रेहान को गिरफ्तार कर लिया। रेहान के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 (गैरइरादन हत्या) का मामला दर्ज किया गया है। तड़के आग लगने के बाद फरार मोहम्मद रेहान को शाम को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ की जा रही है। रेहान के भाई को पुलिस ने पहले ही हिरासत में ले लिया था। इस हादसे में मृत 29 शवों की शिनाख्त अब तक हुई है। मारे गए 14 मजदूरों की पहचान होना बाकी है। फैक्ट्री मालिक रेहान के अलावा फैक्ट्री के मैनेजर फुरकान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। डीसीपी नार्थ मोनिका भारद्वाज ने बताया कि रेहान के भाइयों से भी पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा कुछ अन्य लोग भी हिरासत में लिए गए हैं। इस अग्निकांड के पीछे लापरवाही उजागर हुई है। बताया जाता है कि इन निर्माण इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था। आसपास दमकल के वाहनों के आवागमन के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी जिससे बचाव अभियान में दिक्कत हुई। दमकल कर्मी खिड़कियां काटकर भवन में दाखिल हुए।
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