Earthquake News: इतिहास का सबसे शक्तिशाली साल 1960 में आया था, जानते हैं कितनी मची थी तबाही?

Earthquake News - इतिहास का सबसे शक्तिशाली साल 1960 में आया था, जानते हैं कितनी मची थी तबाही?
| Updated on: 30-Mar-2025 05:40 PM IST

Earthquake News: म्यांमार में 28 मार्च को आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस भूकंप में हजारों लोगों की जान चली गई और हजारों अन्य घायल हो गए हैं। म्यांमार में अब भी भूकंप के झटके (आफ्टरशॉक्स) महसूस किए जा रहे हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

इतिहास का सबसे शक्तिशाली भूकंप

क्या आप जानते हैं कि अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप कब और कहां आया था? इतिहास का सबसे ताकतवर भूकंप 22 मई 1960 को चिली में आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 9.5 मापी गई थी। इस भूकंप को वाल्डिवियन भूकंप या ग्रेट चिली भूकंप के नाम से जाना जाता है। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसकी वजह से हवाई और जापान तक सुनामी की लहरें पहुंच गई थीं।

1960 चिली भूकंप की तबाही

वाल्डिविया और प्यूर्टो मोंट क्षेत्र के पास आए इस भूकंप की तीव्रता 9.4-9.6 थी और यह लगभग 10 मिनट तक चला था। इसकी वजह से उठीं सुनामी की लहरें चिली, हवाई, जापान, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक पहुंच गई थीं। इस भूकंप से हुए विनाश का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि इसमें 1,000 से 6,000 लोगों की जान गई थी।

इतिहास के अन्य विनाशकारी भूकंप

  1. हिंद महासागर भूकंप (26 दिसंबर 2004): इस भूकंप की तीव्रता 9.2-9.3 थी और इससे 2,00,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इसे 21वीं सदी का सबसे विनाशकारी भूकंप माना जाता है।

  2. तोहोकू-सेंडाई भूकंप (11 मार्च 2011, जापान): इस भूकंप की तीव्रता 9.1 थी और इससे फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हुई थीं।

भविष्य में संभावित भूकंप

विशेषज्ञों के अनुसार, कनाडा के वैंकूवर से लेकर उत्तरी कैलिफोर्निया तक के तटीय क्षेत्र में 8 से 9.2 की तीव्रता का भूकंप आ सकता है। इससे सुनामी की विशाल लहरें उत्पन्न हो सकती हैं, जो कई शहरों को डुबो सकती हैं। हालांकि यह चिली के वाल्डिविया भूकंप जितना बड़ा नहीं होगा, लेकिन यह अमेरिका के अत्यधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है, जहां पांच मिलियन से अधिक लोग रहते हैं।

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसे टालना संभव नहीं है, लेकिन उचित तैयारी और आपदा प्रबंधन के जरिए जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।

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