विशेष: तंजानिया की वो रहस्यमयी झील,जिसका पानी जो कोई भी छूता है बन जाता है पत्थर का

विशेष - तंजानिया की वो रहस्यमयी झील,जिसका पानी जो कोई भी छूता है बन जाता है पत्थर का
| Updated on: 10-Jan-2021 01:23 PM IST
वैसे तो झीलें अपनी खूबसूरती और सुकून देने के कारण लगभग सबको अच्छी लगती हैं लेकिन दुनिया में कई रहस्यमयी झीलें भी हैं. उत्तरी तंजानिया की नेट्रॉन झील इस सूची में सबसे ऊपर है. कहा जाता है कि इस झील के पानी को जो भी छूता है, वो पत्थर का बन जाता है. झील के आसपास ढेरों ऐसे जानवरों और पक्षियों की पत्थर की मूर्तियां दिखती हैं, जिनके पंख तक पत्थर के हैं. तो क्या वाकई में इस झील में कोई पारलौकिक ताकत है, जो सबको पत्थर बना देती है? 


तंजानिया के अरुषा इलाके में बनी इस झील के दूरदराज तक कोई आबादी नहीं. आसपास पत्थर के जानवर और मूर्तियां पड़ी हैं, जिसे देखकर झील के जादुई होने की बात सच भी लगती हैं, हालांकि ऐसा है नहीं. ये सबकुछ झील के रासायनिक पानी के चलते है. असल में नेट्रॉन एक अल्केलाइन झील है, जहां के पानी में सोडियम कार्बोनेट की मात्रा काफी ज्यादा है. पानी में अल्केलाइन की मात्रा अमोनिया जितनी है. ये सबकुछ वैसा है, जैसा इजिप्ट में लोग ममी को सुरक्षित करने के लिए करते थे. यही कारण है कि यहां पंक्षियों के शरीर सालों सुरक्षित रहते हैं. 


पर्यावरणविद् और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर Nick Brandt झील के पास गए और उसे समझने की कोशिश में काफी सारी तस्वीरें खींची. उन्होंने इस पर एक किताब भी लिखी- एक्रॉस द रेवेज्ड लैंड. किताब में कई बातें बताई गई हैं जो झील के रहस्यों से परदा उठाती हैं. हालांकि खुद फोटोग्राफर को भी नहीं पता कि आखिर झील के आसपास पक्षियों की मौत कैसे हुई. इस बात पर लाइव साइंस में एक रिपोर्ट भी आ चुकी है, जो कई तथ्यों के बारे में बताती है.


नेट्रॉन अकेली झील नहीं, जो लोगों को रहस्यों में उलझाए रखे है, रवांडा की किवू झील भी इन्हीं में से है. इस झील को अफ्रीकन ग्रेट लेक्स की श्रेणी में रखा गया है. 90 किलोमीटर लंबी और 50 किलोमीटर चौड़ी इस झील के बारे में कम ही जानकारी है. इसके पानी में कार्बन डाईऑक्साइड और बड़ी मात्रा में मीथेन गैस पाई जाती है. झील के पास हल्का-सा भूकंप आने पर इसमें विस्फोट हो सकता है, जिससे आसपास बसे लाखों लोगों की जान को लगातार खतरा बना हुआ है.


अमेरिका की मिशिगन झील देखने में खूबसूरत है उतनी है खतरनाक भी है. अगस्त साल 1986 में इस झील के पास जानलेवा गैस का बादल छा गया और आसपास के सभी जीवों की जान ले ली थी. उसी दौरान झील ने 1,746 लोगों की जान ले ली. वैज्ञानिकों ने इस बारे में बताया कि झील के तल में ज्वालामुखी के कारण ऐसा हुआ है. कार्बन डाईऑक्साइड पानी में मिल गई और इसका स्तर बढ़कर बादल के रूप में चारों तरफ फैल गया था.


रूस की बॉस्नो झील के चारों ओर भी रहस्यों का घेरा है. स्थानीय लोगों का मानना है इस झील में एक प्राचीन छिपकली को देखते हैं. जिसे ब्रॉस्नो ड्रैगन के नाम से पुकारा जाता है. इस झील में कार्बन डाइऑक्साइड के बुलबुले बनते हैं जो इतने दमदार होते हैं कि छोटी नौका को पलट देते हैं. इसलिए इसे खतरनाक माना जाता है.

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।