US Tariff: अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर बदलते समीकरणों के बीच भारत एक नए दौर की ओर बढ़ रहा है। अमेरिका द्वारा चीन और अन्य देशों पर लगाए गए टैरिफ भारतीय कंपनियों के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं साबित हो रहे। डिक्सन टेक्नोलॉजीज, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ब्लू स्टार और हैवेल्स जैसी भारतीय कंपनियों को अब अमेरिकी साझेदारों से व्यापारिक पूछताछ की बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को और मजबूती देने का संकेत है।
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने अपनी ऑर्डर बुक में भारी इजाफा होते देखा है और अब कंपनी 50% तक उत्पादन क्षमता बढ़ाने की तैयारी में है। खास बात यह है कि इस बढ़ी हुई क्षमता का बड़ा हिस्सा उत्तरी अमेरिका को निर्यात के लिए होगा। एक बड़े अमेरिकी ब्रांड के लिए कॉम्पल के ज़रिए प्रोडक्शन की मात्रा में भी उल्लेखनीय वृद्धि की योजना है, जिससे निर्यात के नए अवसर खुलेंगे।
स्मार्टफोन निर्माण में भी भारत ने बड़ी छलांग लगाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिक्सन टेक्नोलॉजीज का प्रमुख ग्राहक मोटोरोला है, जो अमेरिकी बाज़ार के लिए हैंडसेट का निर्यात करता है। वहीं, गूगल भी भारत से अपने पिक्सल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट करने की योजना बना रहा है। भले ही अमेरिका ने एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों से घरेलू उत्पादन की अपील की हो और 25% टैरिफ का डर दिखाया हो, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में उत्पादन और फिर अमेरिका को निर्यात करना कंपनियों के लिए अब भी ज्यादा किफायती सौदा है।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के सीईओ सुनील डिसूजा ने कहा कि कॉफी और चाय जैसे उत्पादों की अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती, इसलिए प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से वे किसी से पीछे नहीं हैं। इसी तरह, हैवेल्स ने भी अमेरिका को भारत में निर्मित एयर कंडीशनर्स की पहली खेप भेज दी है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि भारत को प्रस्तावित बीटीए का सीधा लाभ मिलेगा।
फिलहाल अमेरिका ने चीन पर टैरिफ को 145% से घटाकर 30% कर दिया है, जबकि भारत पर महज 10% टैरिफ लगाया है। जुलाई से भारत पर 26% टैरिफ फिर से लगने की संभावना है, लेकिन तब तक भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में अपने पैर जमाने का सुनहरा मौका मिल गया है।
बढ़ते ऑर्डर और निर्यात संभावनाओं के बीच भारतीय कंपनियों का मानना है कि मार्जिन भी जल्द सामान्य होगा। दूसरी छमाही में वित्तीय प्रदर्शन और मुनाफा बेहतर रहने की उम्मीद है। खासकर टेक्सटाइल सेक्टर में इस साल पिछले साल की तुलना में ज़्यादा डिमांड और उत्पादन बढ़ने की संभावना जताई गई है।