Elon Musk News: मस्क को मेलोनी के सामने मारने वाले थे ये US अफसर, ये हुआ था विवाद

Elon Musk News - मस्क को मेलोनी के सामने मारने वाले थे ये US अफसर, ये हुआ था विवाद
| Updated on: 24-Apr-2025 06:40 PM IST

Elon Musk News: पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस में एक अप्रत्याशित और शर्मनाक दृश्य सामने आया जिसने अमेरिकी प्रशासन की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए। घटना उस समय की है जब इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर थीं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस के वेस्ट विंग में मौजूद थीं।

मस्क बनाम बेसेंट: एक टकराव जिसने सबको चौंकाया

टेक अरबपति एलन मस्क और अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट के बीच आईआरएस (आंतरिक राजस्व सेवा) के नेतृत्व को लेकर एक तीखी बहस हो गई। यह बहस इतनी गर्म हो गई कि दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपशब्दों और व्यक्तिगत हमलों का सहारा लिया। यह टकराव केवल वैचारिक नहीं था, बल्कि सार्वजनिक रूप से एक नाटकीय प्रदर्शन में तब्दील हो गया।

इस पूरे घटनाक्रम को देखकर एक चश्मदीद ने Axios को बताया, “ऐसा लग रहा था जैसे वेस्ट विंग को WWE का अखाड़ा समझ लिया गया हो।”

‘सोरोस एजेंट’ बनाम ‘फक यू’

मस्क ने बेसेंट पर सोरोस फंड मैनेजमेंट से जुड़े होने के पुराने अतीत के आधार पर उन्हें ‘सोरोस एजेंट’ कहा। इस पर भड़के बेसेंट ने चिल्लाते हुए मस्क को गाली दी — “फक यू।” मस्क ने भी पलटवार करते हुए कहा, “ज़ोर से कहो।”

किस बात पर शुरू हुई बहस?

इस सारा विवाद दरअसल ट्रंप के हाल ही में गैरी शैपली को कार्यवाहक IRS आयुक्त बनाए जाने को लेकर शुरू हुआ। मस्क शैपली के समर्थक थे, लेकिन बेसेंट अपने करीबी और डिप्टी माइकल फॉल्केंडर को उस पद पर देखना चाहते थे। बहस के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फॉल्केंडर को नियुक्त कर दिया, जिससे ऐसा प्रतीत हुआ कि इस सरेआम बहस में बाज़ी आखिरकार बेसेंट के हाथ लगी।

बेसेंट का फॉल्केंडर पर भरोसा

घटना के अगले ही दिन, स्कॉट बेसेंट ने एक बयान जारी कर कहा,

“IRS में जनता का विश्वास दोबारा स्थापित करना जरूरी है, और मुझे विश्वास है कि माइकल फॉल्केंडर इसके लिए सही व्यक्ति हैं।”

हालांकि उन्होंने गैरी शैपली की विचारशीलता और समर्पण की भी तारीफ करते हुए कहा कि वे अब भी ट्रेजरी विभाग में उनके महत्वपूर्ण वरिष्ठ सलाहकार बने रहेंगे।

अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय छवि पर सवाल

इस पूरी घटना ने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय छवि को एक झटका दिया है, खासकर तब जब एक मित्र राष्ट्र की प्रधानमंत्री की मौजूदगी में ऐसा कृत्य हुआ। व्हाइट हाउस जैसी संस्थानिक और कूटनीतिक जगह पर इस तरह की अनैतिक और सार्वजनिक बहस ने यह सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं कि क्या अमेरिका की शीर्ष नेतृत्व में सामंजस्य और गरिमा कायम रह पाई है?

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