Rajasthan Politics: टीकाराम जूली ने स्वीकारी बहस की चुनौती: सीएम भजनलाल को कामकाज पर घेरा

Rajasthan Politics - टीकाराम जूली ने स्वीकारी बहस की चुनौती: सीएम भजनलाल को कामकाज पर घेरा
| Updated on: 17-Dec-2025 08:35 AM IST
राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, जहां नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा दिए गए बहस के चैलेंज को स्वीकार कर लिया है. यह चुनौती कांग्रेस के पांच साल के कार्यकाल और वर्तमान भाजपा सरकार के दो साल के कामकाज की तुलना पर केंद्रित है. जूली ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुख्यमंत्री स्थान और समय तय करें, कांग्रेस का कोई भी नेता, या वे स्वयं, बहस के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उन्होंने यह भी दोहराया कि कांग्रेस सदन के भीतर और बाहर, दोनों जगह इस बहस से पीछे नहीं हटेगी.

सरकार के दो साल के कामकाज पर सवाल

दरअसल, राजस्थान में भाजपा सरकार अपने दो साल पूरे होने पर जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रही है. इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सरकार के दो साल के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने 'डबल इंजन' की सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया है,. जिसमें किसानों, युवाओं और आम जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं. जूली ने सरकार पर वादे पूरे न करने और जमीनी हकीकत से दूर रहने का आरोप लगाया है.

किसानों से किए गए वादे अधूरे

टीकाराम जूली ने विशेष रूप से किसानों से किए गए वादों को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान सम्मान निधि की राशि 12 हजार रुपये करने का वादा किया था, लेकिन यह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. इसके अलावा, किसानों को समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें अपनी उपज बेचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खाद की कमी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसके लिए किसान लगातार परेशान हो रहे हैं और प्रदेश में पानी और बिजली का संकट भी गहराया हुआ है, और दिन में बिजली देने का वादा करने वाली सरकार सर्दी के मौसम में रात के समय बिजली दे रही है, जिससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

पशु बीमा योजना और पेट्रोल-डीजल की कीमतें

जूली ने पशुपालकों से जुड़ी पशु बीमा योजना पर भी सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि सरकार ने इस योजना का लाभ सभी पशुपालकों तक पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 20 लाख पशुओं का ही बीमा हो पाया है, जो कि कुल पशुधन के मुकाबले बहुत कम है. इसके साथ ही, पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने का वादा भी सरकार पूरा नहीं कर पाई है, जिससे आम जनता पर महंगाई का बोझ लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने एक प्रवासी भारतीय का उदाहरण भी दिया, जिसने उनसे कहा कि उसका काम राजस्थान. सरकार में आज तक नहीं हो पाया, जो सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है.

जल जीवन मिशन और बजट घोषणाओं पर संदेह

सरकार के 72 प्रतिशत वादे पूरे करने के दावे को टीकाराम जूली ने सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. जल जीवन मिशन के तहत 2025 तक सभी घरों में पानी पहुंचाने का वादा किया गया था, लेकिन इस मिशन का काम भी अब तक पूरा नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि सरकार ने अपने दो बजट में कुल 2717 घोषणाएं की थीं, लेकिन उनमें से केवल. 754 घोषणाओं पर ही काम शुरू हो पाया है, जो सरकार की धीमी गति और अक्षमता को दर्शाता है.

इसके अलावा, 08 लाख करोड़ रुपये के एमओयू (समझौता ज्ञापन) को लेकर भी सरकार के पास कोई स्पष्ट. जानकारी नहीं है, और यह भी नहीं बताया जा रहा कि कितने एमओयू वास्तव में जमीन पर उतरे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीकाराम जूली ने एसआईआर (SIR) के ड्राफ्ट को लेकर भी सरकार और संबंधित एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर की वजह से एक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) ने आत्महत्या कर ली और जूली ने पूछा कि जब साल में दो बार वोटर लिस्ट का काम होता है, तो फिर इस तरह के अभियान की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के लिए अपना वोट बचाना मुश्किल हो गया है. सरकार घुसपैठियों को पकड़ने की बात करती है, लेकिन अब तक कितने घुसपैठिए पकड़े गए, इसका कोई जवाब सरकार नहीं देती और उन्होंने घोषणा की कि कांग्रेस सभी वोटर लिस्ट का रिव्यू कराएगी ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता को उजागर किया जा सके.

तबादला नीति और भ्रष्टाचार पर आरोप

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर तबादला नीति लाने के वादे को पूरा न करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि मुख्य सचिव खुद अपना तबादला करवा कर चले गए. उन्होंने दोहराया कि किसानों को न तो पानी पूरा मिल पा रहा है और न ही बिजली, जिससे वे परेशान हैं और जूली ने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से किसान, मजदूर, कर्मचारी और युवा सभी वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सवालों से भाग रही है, लेकिन कांग्रेस जनता के सवाल लगातार उठाती रहेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपनेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा और सचेतक रफीक खान ने भी सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा किया था, लेकिन आज पूरे राजस्थान में भ्रष्टाचार अपनी हदें पार कर चुका है. उन्होंने बताया कि अगर कोई भ्रष्टाचार में पकड़ा भी जाता है, तो सरकार अभियोजन स्वीकृति नहीं देती, जिससे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिल रहा है और रामकेश मीणा ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जो जिले बनाए गए थे, वर्तमान सरकार ने उन्हें खत्म कर दिया, और जिन इलाकों में जिले खत्म किए गए हैं, वहां अपराध बढ़ा है, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है.

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