One Nation One Election: आज एक देश एक चुनाव पर JPC का ऐलान, लोकसभा में सरकार लाएगी प्रस्ताव

One Nation One Election - आज एक देश एक चुनाव पर JPC का ऐलान, लोकसभा में सरकार लाएगी प्रस्ताव
| Updated on: 20-Dec-2024 09:25 AM IST
One Nation One Election: सरकार ने "एक देश एक चुनाव" से संबंधित विधेयक की समीक्षा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया है। आज लोकसभा में इस प्रस्ताव को पेश किया गया, जिसमें जेपीसी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया। अब जेपीसी में कुल 39 सदस्य होंगे, जिनमें लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य शामिल होंगे।

जेपीसी का विस्तार:

इससे पहले समिति में 31 सदस्य थे, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों की आपत्तियों और व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए इसकी संख्या बढ़ाई गई। विशेष रूप से, शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे और अन्य दलों ने समिति में शामिल न किए जाने पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद सभी दलों को प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से समिति का विस्तार किया गया।

नए सदस्य:
जेपीसी में अब नए सदस्यों के रूप में शिवसेना (यूबीटी) से अनिल देसाई, समाजवादी पार्टी से छोटेलाल, बीजेपी से वैजयंत पांडा और संजय जयसवाल, लोजपा (रामविलास) से शांभवी चौधरी और सीपीएम से के. राधाकृष्णन शामिल किए गए हैं।

जेपीसी का राजनीतिक वितरण:

जेपीसी में विभिन्न राजनीतिक दलों को इस प्रकार प्रतिनिधित्व दिया गया है:

  • बीजेपी: 12
  • कांग्रेस: 3
  • समाजवादी पार्टी: 2
  • टीएमसी: 1
  • शिंदे सेना: 1
  • शिवसेना (यूबीटी): 1
  • एनसीपी: 1
  • लोजपा: 1
  • जनसेना: 1
  • आरएलडी: 1
  • सीपीएम: 1
  • डीएमके: 1
  • टीडीपी: 1

कांग्रेस के प्रतिनिधि:

कांग्रेस से प्रियंका गांधी, सुखदेव भगत, और मनीष तिवारी लोकसभा से जेपीसी का हिस्सा होंगे।

जेपीसी की रिपोर्ट और विधेयक की पृष्ठभूमि:

जेपीसी अगले बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन अपनी रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत करेगी। यह रिपोर्ट "एक देश एक चुनाव" विधेयक पर केंद्रित होगी, जिसे मोदी सरकार ने 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी। विधेयक में 2034 के बाद देश में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है।

कोविंद समिति की सिफारिशें:

इससे पहले, कोविंद समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें सौंपी थीं। इसमें लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का सुझाव दिया गया था। यह समिति 2 सितंबर 2023 को गठित की गई थी।

निष्कर्ष:

"एक देश एक चुनाव" विधेयक भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी है। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रियाओं को सरल बनाना और प्रशासनिक संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करना है। संयुक्त संसदीय समिति की विस्तृत रिपोर्ट इस दिशा में आगे की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।

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