नई दिल्ली: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बनेगा

नई दिल्ली - लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बनेगा
| Updated on: 31-Jul-2019 10:04 AM IST
नई दिल्ली. लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल मंगलवार को पास हो गया। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े। अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया था। इसके बाद 2 साल में यह बिल 2 बार लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में अटक गया। आम चुनाव के बाद तीसरी बार यह विधेयक 25 जुलाई को लोकसभा से पारित हुआ। 5 दिन बाद ही यह राज्यसभा से भी पास हो गया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। तीन तलाक देने के दोषी पुरुष को 3 साल की सजा सुनाई जाएगी। पीड़ित महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे-भत्ते की मांग कर सकेंगी।

बिल में 3 साल की सजा के प्रावधान का कांग्रेस ने विरोध किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 3 साल की सजा का प्रावधान ठीक उसी तरह है, जैसे किसी को अपमानित करने या धमकाने के जुर्म में जेल भेज दिया जाए। इसलिए हम इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहते थे।

मोदी ने कहा- पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे देश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई। उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं भी सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।

कानून मंत्री ने कहा- सजा के प्रावधान में कुछ गलत नहीं

विपक्ष की इस आपत्ति पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दहेज विरोधी कानून और बहुविवाह रोकने से जुड़े कानून में भी दोषी हिंदू पुरुष को जेल भेजने का प्रावधान है, लिहाजा तीन तलाक के दोषी पुरुष को सजा के प्रावधान में कुछ गलत नहीं है। उन्होंने कहा- यह (तीन तलाक बिल) लैंगिक समानता और महिलाओं के सम्मान का मामला है। तीन तलाक कहकर बेटियों को छोड़ दिया जाता है, इसे सही नहीं कहा जा सकता।’’ यह विधेयक 25 जुलाई को लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। लोकसभा में बिल के पक्ष में 303 और विरोध में 82 मत पड़े थे। तब कांग्रेस, तृणमूल, सपा और डीएमके समेत अन्य पार्टियों ने बिल का विरोध करते हुए वोटिंग से पहले सदन से वॉकआउट किया था।

आतिया साबरी केस:

2012 में आतिया साबरी की शादी हुई थी। आतिया की दो बेटियां हैं। उनका आरोप है कि लगातार 2 बेटियां से उनके शौहर और ससुर नाराज थे और उन्हें घर से निकालना चाहते थे। उनका कहना है कि दिसंबर 2015 में उन्हें जहर पिलाकर मारने तक की कोशिश की गई थी, पड़ोसियों ने उन्हें बचाया। इसके बाद वह अपने मायके चली गई थीं, जहां वह करीब डेढ़ साल तक रहीं। ससुराल में आतिया को दहेज के लिए भी प्रताड़ित किया जा रहा था। 2016 में आतिया के पति ने कागज पर तीन तलाक लिखकर आतिया से अपना रिश्ता तोड़ लिया था। आतिया ने दहेज उत्पीड़न समेत कई धाराओं में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया तो पति ने उसके नाम फर्जी खाता खोलकर 12 लाख का गबन किया था। लेकिन, इस मामले में भी उसका पति ही अब फंस गया है।

आतिया का बयान:

तीन तलाक बिल पास होने से इतनी खुशी है कि उसे जाहिर नहीं कर सकती हूं। मोदी जी ने हमारे लिए जो लड़ाई लड़ी वो रंग लाई है। कोई भी कानून 100 फीसद खरा नहीं उतरता है। लेकिन, इस कानून से मुस्लिम महिलाओं को काफी राहत मिलेगी। जिन लोगों ने बिल के खिलाफ वोट दिया उनसे मन दुखी है। बिल के खिलाफ वोट देने वाले मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ क्यों हैं, ये समझ नहीं आता है।

2017 में आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की 1400 साल पुरानी प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था और सरकार से कानून बनाने को कहा था।

सरकार ने दिसंबर 2017 में लोकसभा से मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पारित कराया लेकिन राज्यसभा में यह बिल अटक गया था।

विपक्ष ने मांग की थी कि तीन तलाक के आरोपी के लिए जमानत का प्रावधान भी हो। 

2018 में विधेयक में संशोधन किए गए, लेकिन यह फिर राज्यसभा में अटक गया।

इसके बाद सरकार सितंबर 2018 में अध्यादेश लेकर आई। इसमें विपक्ष की मांग काे ध्यान में रखते हुए जमानत का प्रावधान जोड़ा गया। अध्यादेश में कहा गया कि तीन तलाक देने पर तीन साल की जेल होगी। 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।