India-US Tariff War: कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने भारत को “मृत अर्थव्यवस्था” (Dead Economy) करार दिया था। यह बयान व्यापार नीतियों और रूस से सस्ते तेल की खरीद को लेकर अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव के बीच आया था। ट्रंप ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, “मुझे परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वे दोनों मिलकर अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को नीचे गिरा सकते हैं।” इस बयान की भारत में तीखी आलोचना हुई थी, और कई आर्थिक विशेषज्ञों ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत ठहराया था। लेकिन अब, एक विडंबनापूर्ण मोड़ में, अमेरिका की ही एक प्रमुख रेटिंग एजेंसी S&P Global ने भारत की आर्थिक स्थिति पर अपनी रेटिंग को अपग्रेड कर दिया है, जो भारत की आर्थिक मजबूती का स्पष्ट प्रमाण है।
अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी S&P Global ने भारत की दीर्घकालिक अनसॉलिसिटेड सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को “BBB-” से बढ़ाकर “BBB” कर दिया है। यह अपग्रेड भारत की अर्थव्यवस्था के वैश्विक स्तर पर बढ़ते कद और स्थिरता को दर्शाता है। S&P Global ने इस निर्णय के पीछे भारत की मजबूत आर्थिक नींव, नीतिगत स्थिरता, और इंफ्रास्ट्रक्चर में निरंतर निवेश को प्रमुख कारण बताया है। एजेंसी का कहना है कि अगले दो से तीन वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी, और सरकार का राजकोषीय अनुशासन (फिस्कल डिसिप्लिन) इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
क्रेडिट रेटिंग किसी देश की आर्थिक विश्वसनीयता का एक महत्वपूर्ण मापदंड है। यह निवेशकों को यह समझने में मदद करती है कि कोई देश अपने वित्तीय दायित्वों को कितनी अच्छी तरह पूरा कर सकता है। S&P Global की “BBB” रेटिंग यह दर्शाती है कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल स्थिर है, बल्कि इसमें वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करने की क्षमता भी है। एजेंसी ने यह भी उल्लेख किया कि भले ही अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता भारत को प्रभावित कर सकती है, लेकिन इसका प्रभाव सीमित और प्रबंधनीय होगा।
S&P Global की रिपोर्ट में भारत के हाल के आर्थिक सुधारों, प्रौद्योगिकी आधारित प्रशासन (टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन गवर्नेंस), और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश को रेटिंग अपग्रेड के प्रमुख कारणों के रूप में रेखांकित किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़क, रेल, और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इन प्रयासों ने न केवल रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है, बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार किया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की नीतिगत स्थिरता और सरकार की सुधारोन्मुखी दृष्टिकोण ने वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, और स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर एक आकर्षक गंतव्य बनाया है। इसके अलावा, भारत की युवा और कुशल कार्यबल, बढ़ता मध्यम वर्ग, और उपभोक्ता बाजार की वृद्धि ने भी अर्थव्यवस्था को गति दी है।
S&P Global की रेटिंग अपग्रेड भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल वैश्विक निवेशकों के बीच भारत के प्रति विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि भारत वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद अपनी विकास गति को बनाए रखने में सक्षम है। यह अपग्रेड भारत को सस्ते और दीर्घकालिक पूंजी तक पहुंचने में मदद कर सकता है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश को और बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि, चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। वैश्विक व्यापार युद्ध, भू-राजनीतिक तनाव, और पर्यावरणीय जोखिम जैसे कारक भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। फिर भी, S&P Global की रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि भारत की नीतिगत ढांचा और आर्थिक लचीलापन इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम है।