Rajasthan Politics: केंद्रीय मंत्री शेखावत का कांग्रेस पर तीखा हमला- 'पंचायतीराज चुनावों को 4 टुकड़ों में बांटने वाले पापी'

Rajasthan Politics - केंद्रीय मंत्री शेखावत का कांग्रेस पर तीखा हमला- 'पंचायतीराज चुनावों को 4 टुकड़ों में बांटने वाले पापी'
| Updated on: 29-Nov-2025 11:19 PM IST
केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने राजस्थान में राजनीतिक हलचल के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। जैसलमेर से बाड़मेर पहुंचने पर उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार, पंचायतीराज चुनावों और वोटर लिस्ट की शुचिता जैसे विषयों पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और उनके बयानों ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है, खासकर चुनावी प्रक्रियाओं और राजनीतिक शुचिता को लेकर। शेखावत ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस की पुरानी कार्यप्रणाली पर। सवाल उठाए और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की बात कही।

मंत्रिमंडल विस्तार पर मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार

राजस्थान सरकार में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चल रही अटकलों और चर्चाओं के बीच, केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने इस विषय पर अपनी राय रखी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और इस मामले को उन्हीं के लिए छोड़ देना चाहिए। शेखावत ने जोर देकर कहा कि इस विषय पर चर्चा के लिए घंटों या महीनों की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि जब भी यह विषय उठेगा, तो 5-7 मिनट में ही इस पर निर्णय हो जाएगा और उन्होंने यह भी बताया कि जब कभी भी इस विषय पर चर्चा होगी, तो साथ में बैठकर निर्णय करना ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कार्य पद्धति का एक अभिन्न हिस्सा है। यह दर्शाता है कि बीजेपी में सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को महत्व दिया जाता है, लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आता है।

पंचायतीराज चुनावों को लेकर कांग्रेस पर आरोप

केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने पंचायतीराज चुनावों के मुद्दे पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस को 'पापी' करार देते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने ही पंचायतीराज चुनावों को चार टुकड़ों में बांटने का 'पाप' किया था और शेखावत ने कहा कि जब एसआईआर (Systematic Information Retrieval) प्रक्रिया पूरी होने पर वोटर लिस्ट शुद्ध हो जाएगी, तो शुद्ध मन से चुनाव होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस स्टैंड का समर्थन किया कि पंचायतीराज और नगर निकाय चुनाव एक साथ करवाए जाएं और शेखावत ने कांग्रेस नेताओं को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी और दूसरों पर प्रश्न खड़े न करने को कहा, क्योंकि उनके अनुसार, कांग्रेस ने ही चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को भंग किया था।

यह बयान कांग्रेस के पिछले कार्यकाल के दौरान अपनाई गई चुनावी रणनीतियों पर सीधा प्रहार था। शेखावत ने वोटर लिस्ट की शुचिता और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी बात की। उन्होंने कहा कि देश में शुचिता, स्पष्टता, पारदर्शी और ईमानदारी के साथ चुनाव हों, इसके लिए संविधान ने चुनाव आयोग की व्यवस्था की है। वोटर लिस्ट सही रहे और चुनाव ठीक से करवाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। उन्होंने राहुल गांधी के वोटर लिस्ट को लेकर विरोधाभासी रुख की कड़ी आलोचना की। शेखावत ने याद दिलाया कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया था, लेकिन जब। बिहार के चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पर काम करना शुरू किया गया और एसआईआर का विरोध किया गया, तो उनका स्टैंड बदल गया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपना स्टैंड तय कर लेना चाहिए, क्योंकि एक तरफ वे फर्जी वोटों की बात करते हैं और दूसरी तरफ उनके निस्तारण का विरोध करते हैं।

कांग्रेस की चुनावी कार्यप्रणाली पर सवाल

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करने का एक लंबा इतिहास होने का आरोप लगाया और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही इस तरीके के दुर्विचार करके चुनाव जीते हैं। शेखावत ने आरोप लगाया कि 1960 के दशक से लेकर कई बार मत पेटियों को लूट करके और मत-पत्रों को इधर-उधर करके चुनाव के परिणामों को प्रभावित किया गया है और उनके अनुसार, कांग्रेस ने जीवनपर्यंत सत्ता इसी तरीके से प्राप्त की है। यह एक गंभीर आरोप है जो कांग्रेस की चुनावी ईमानदारी पर सवाल उठाता है। शेखावत ने कहा कि अब जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से ईमानदारी से चुनाव होने लगे हैं, तो देश की राजनीति का नैरेटिव बदल गया है, जिससे कांग्रेस को परेशानी हो रही है।

विकास की राजनीति और जनता का जनादेश

गजेंद्रसिंह शेखावत ने भारतीय राजनीति में आए बदलाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के दिल्ली की राजनीति में। आने के बाद से अब राजनीति की धुरी विकास की हो गई है। उन्होंने दावा किया कि बंटवारे की राजनीति करने वाले लोगों के मुंह पर बिहार चुनाव के रिजल्ट से जनता ने एक करारा तमाचा लगाया है। यह दर्शाता है कि जनता अब विकास और सुशासन को प्राथमिकता दे रही है, न कि जातिगत या विभाजनकारी राजनीति को। शेखावत ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी सरकार का मुख्य एजेंडा विकास है और जनता ने इस एजेंडे को स्वीकार किया है।

'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' की कहावत

अपने संबोधन के अंत में, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को एक प्रसिद्ध कहावत 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' से जोड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब अपनी हार और बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के कारण बेबुनियाद आरोप लगा रही है और 'खंभे को नोचने का प्रयास कर रही है' और यह कहावत उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल की जाती है जो अपनी असफलता या शर्मिंदगी के कारण दूसरों पर बेवजह गुस्सा निकालता है या दोष मढ़ता है। शेखावत का यह बयान कांग्रेस की हताशा और राजनीतिक जमीन खोने की उनकी धारणा को दर्शाता है, खासकर। जब देश में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विकास की राजनीति को अधिक महत्व दिया जा रहा है।

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