UP Vidhan Sabha: कफ सिरप मुद्दे पर यूपी विधानसभा में भारी हंगामा, सीएम योगी ने सपा पर साधा निशाना, बोले- 'समय आने पर बुलडोजर भी चलेगा'
UP Vidhan Sabha - कफ सिरप मुद्दे पर यूपी विधानसभा में भारी हंगामा, सीएम योगी ने सपा पर साधा निशाना, बोले- 'समय आने पर बुलडोजर भी चलेगा'
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र अपने दूसरे दिन भी हंगामे और गहमा-गहमी से भरा रहा। सदन में मुख्य मुद्दा कफ सिरप से जुड़ा मामला रहा, जिस पर विपक्षी दलों, विशेषकर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने सरकार को जमकर घेरा। सपा विधायकों ने इस संवेदनशील मामले पर नारेबाजी की और सरकार से कई तीखे सवाल पूछे, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए सपा पर ही गंभीर आरोप लगाए। यह पूरा घटनाक्रम सदन में तनावपूर्ण माहौल का गवाह बना, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत ही कफ सिरप मामले पर हुए हंगामे से हुई। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, सरकार पर निष्क्रियता और मिलीभगत का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। उन्होंने सरकार से इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई और जांच की स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा। विपक्ष का कहना था कि यह एक गंभीर जन स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है और सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है, जिससे अपराधियों को छूट मिल रही है और इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित भी हुई, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इस पर जवाब देने का बीड़ा उठाया।
सीएम योगी का सपा पर पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कफ सिरप मामले पर समाजवादी पार्टी के आरोपों का खंडन करते हुए उन पर ही गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार ने ठोस कार्रवाई की है। योगी ने बताया कि अब तक 78 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 136 फर्मों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई है और उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार किसी भी दोषी को बख्शने वाली नहीं है। मुख्यमंत्री ने सपा पर पलटवार करते हुए दोहराया कि कफ सिरप माफियाओं के तार समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कफ सिरप कंपनियों को लाइसेंस समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान ही जारी किए गए थे। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि "आप लोग पढ़ते लिखते नहीं हैं," यह दर्शाता है कि विपक्ष बिना पूरी जानकारी के आरोप लगा रहा है।बुलडोजर एक्शन की चेतावनी
विपक्ष द्वारा लगातार जांच में देरी और दोषियों पर नरम रुख अपनाने के आरोपों के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया और उन्होंने कहा कि "समय आने पर बुलडोजर एक्शन भी लिया जाएगा। " यह बयान स्पष्ट रूप से उन माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ सरकार की सख्त नीति का संकेत था, जिनके तार इस कफ सिरप मामले से जुड़े हो सकते हैं। योगी का यह बयान उनकी सरकार की 'बुलडोजर नीति' को याद दिलाता है,। जिसका उपयोग अक्सर अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ किया जाता रहा है। इस चेतावनी ने सदन में एक बार फिर गहमा-गहमी बढ़ा दी।सरकार का बचाव और विपक्ष का वॉक-आउट
मुख्यमंत्री के बयान के बाद, सरकार के मंत्री संजय निषाद ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी विपक्ष में है और उसका काम विरोध करना है। निषाद ने जोर देकर कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है और इन कंपनियों को लाइसेंस केंद्र सरकार द्वारा दिए जाते हैं और उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है, अपराधियों को जेल भेजा गया है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, क्योंकि "हमारे यहां यही नियम है। " हालांकि, सीएम योगी के एक और कटाक्ष के बाद सदन में माहौल और बिगड़ गया। योगी ने दिल्ली और यूपी के नेताओं की तुलना करते हुए कहा कि देश में दो 'नमूने' हैं, जिनमें से एक यहां बैठते हैं और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि यहां वाले 'बबुआ' भी जल्द ही इंग्लैंड की सैर सपाटे पर चले जाएंगे। योगी ने यह भी कहा कि जब भी देश में किसी गंभीर। मुद्दे पर चर्चा होती है, तो कुछ लोग तुरंत विदेश भाग जाते हैं। योगी के इन आरोपों के बाद समाजवादी पार्टी के विधायक अत्यधिक। गुस्सा हो गए और विरोध स्वरूप सदन से वॉक-आउट कर दिया।सपा के अतुल प्रधान के गंभीर आरोप
सदन में समाजवादी पार्टी की ओर से सरधना विधायक अतुल प्रधान ने कफ सिरप मामले पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में इतने बड़े लोग शामिल हैं, जिन तक सरकार के हाथ नहीं पहुंच रहे हैं। प्रधान ने राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी में सिरप के एक बड़े जखीरे के मिलने का जिक्र किया, जिसकी जांच एसटीएफ को दी गई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि 18 महीने बाद भी इस जांच का कुछ पता नहीं चला है। अतुल प्रधान ने आरोप लगाया कि जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से शुभम जायसवाल का नाम इस मामले में सामने आया, तब यह स्पष्ट हो गया कि इसमें बहुत नजदीक से सत्ता संरक्षित लोगों का हाथ शामिल है। उन्होंने सरकार पर दोषियों को बचाने और जांच को धीमा करने का आरोप लगाया, जिससे यह मुद्दा और अधिक राजनीतिक रंग ले लिया।