Uttar Pradesh News: यूपी विधानसभा सत्र: SIR और कफ सिरप पर भारी हंगामा, बीजेपी-सपा आमने-सामने
Uttar Pradesh News - यूपी विधानसभा सत्र: SIR और कफ सिरप पर भारी हंगामा, बीजेपी-सपा आमने-सामने
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बहुप्रतीक्षित शीतकालीन सत्र शुक्रवार को भारी हंगामे के साथ शुरू हो गया, जो आगामी 24 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के पहले दिन ही सदन में 'SIR' और 'कफ सिरप' से जुड़े मुद्दों को लेकर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, जिसके परिणामस्वरूप सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए। इस सत्र में राज्य सरकार का 2025-26 का पहला पूरक बजट सोमवार को पेश किया जाएगा, वहीं। 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशेष चर्चा भी एजेंडे में प्रमुखता से शामिल है।
सत्र की हंगामेदार शुरुआत
विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की, जिससे सदन का माहौल गरमा गया। 'SIR' और 'कफ सिरप' जैसे संवेदनशील मामलों पर सपा विधायकों ने तीखे सवाल उठाए, जबकि भाजपा के सदस्यों ने उनका जोरदार खंडन किया। यह टकराव सत्र के पहले दिन की मुख्य विशेषता रही, जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि आने वाले दिन भी काफी हंगामेदार रहने वाले हैं। विपक्ष ने इन मुद्दों पर सरकार से जवाबदेही की मांग की, जिससे सदन में शोरगुल और नारेबाजी का माहौल बन गया।'SIR' और कफ सिरप विवाद
'SIR' और 'कफ सिरप' से जुड़े विवादों ने विधानसभा में एक बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है। समाजवादी पार्टी के विधायक आशुतोष सिन्हा ने 'कोडीन कफ सिरप' मामले को लेकर एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। वह साइकिल से विधानसभा पहुंचे और अपनी साइकिल के स्टैंड पर 'कोडीन कफ सिरप' का होर्डिंग भी लगा रखा था। उन्होंने सरकार से इस मामले के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की, जो दर्शाता है कि विपक्ष इन मुद्दों पर कितनी गंभीरता से सरकार को घेरना चाहता है। यह प्रदर्शन न केवल प्रतीकात्मक था, बल्कि इसने इन मुद्दों की गंभीरता को भी उजागर किया।विपक्ष की प्रमुख मांगें
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने 'कोडीन कफ सिरप' से जुड़े विवाद, 'SIR' की अनियमितताओं, राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, उर्वरकों की कमी और धान की खरीद से संबंधित मुद्दों को उठाने का प्रस्ताव रखा। ये सभी मुद्दे सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हुए हैं। और विपक्ष इन्हें उठाकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा से राज्य की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश पड़ने की उम्मीद है।मुख्यमंत्री योगी का 2027 के लिए बड़ा दावा
विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा तीन-चौथाई सीटें जीतेगी। सीएम योगी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि 'SIR' से तीन-चौथाई काम पूरा हो गया है और कार्यकर्ताओं को केवल एक-चौथाई मेहनत करनी है। यह बयान न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने वाला था, बल्कि इसने विपक्ष को भी एक राजनीतिक संदेश दिया कि भाजपा अपने अगले कार्यकाल के लिए पूरी तरह से आश्वस्त है।महत्वपूर्ण विधायी एजेंडा
इस शीतकालीन सत्र का एजेंडा काफी व्यस्त और महत्वपूर्ण है। सोमवार को राज्य सरकार का 2025-26 का पहला पूरक बजट पेश किया जाएगा। यह बजट राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य और आगामी योजनाओं की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशेष चर्चा भी आयोजित की जाएगी, जो राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक महत्व का विषय है। इस चर्चा में विभिन्न दलों के सदस्य 'वंदे मातरम्' के महत्व और उसके इतिहास पर अपने विचार रखेंगे।आगे की राह और राजनीतिक निहितार्थ
सत्र के पहले दिन का हंगामा यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में सदन में तीखी बहस और राजनीतिक टकराव जारी रहेगा। विपक्ष सरकार को विभिन्न मोर्चों पर घेरने की पूरी कोशिश करेगा, जबकि सरकार अपने विकास कार्यों और नीतियों का बचाव करेगी और 'SIR' और 'कफ सिरप' जैसे मुद्दे, साथ ही महंगाई और बेरोजगारी जैसे जनहित के विषय, सत्र के दौरान चर्चा का केंद्र बिंदु बने रहेंगे। 24 दिसंबर तक चलने वाला यह सत्र उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय और बहसें लेकर आएगा, जो राज्य के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।