Vikas Dubey News एसआईटी कानपुर कांड से जुड़े विभिन्न बिंदुओं और प्रकरण की गहन अभिलेखीय और स्थलीय जांच कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
Vikas Dubey Encounter Case
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब विकास दुबे और उसकी पूरी टीम की जन्म कुण्डली खंगालेगी। उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर (Vikash Dubey Encounter) मामले में एसआईटी जांच (SIT Investigation) का आदेश देते हुए 31 जुलाई तक रिपोर्ट सब्मिट करने को कहा है। इस टीम में अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) जे रवीन्द्र गौड़ को भी जांच दल में शामिल किया गया है। उधर यूपी पुलिस ने साफ कर दिया है कि कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के मारे जाने के बाद भी पुलिस का ऑपरेशन रुका नहीं है। पुलिस को अभी भी विकास दुबे के 12 साथियों की तलाश है, जिन्होंने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था। फिलहाल पुलिस ने विकास सहित 6 लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया है, वहीं 3 को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि उज्जैन में गिरफ्तार होने के बाद विकास दुबे को कानपुर लाया जा रहा था। रास्ते में एसटीएफ की गाड़ी का एक्सीडेंट और विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उसका कच्चा चिट्ठा खोलने और उसके सहयोगियों को बेनकाब करने के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित की गई एसआईटी में एडीजी हरिराम शर्मा और डीआईजी जे. रविन्द्र गौड़ भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है। एसआईटी घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं और प्रकरण की गहन अभिलेखीय और स्थलीय जांच कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे कैसे इतना ताकतवर बना और उसके अपराधों में किस तरह पुलिसकर्मियों की संलिप्तता रही, इससे जुड़े कई बिंदुओं पर एसआईटी सिलसिलेवार पड़ताल करेगी। एसआईटी की जांच में कानपुर पुलिस के कई अधिकारियों व कर्मियों के खेल सामने आने के साथ ही विकास दुबे के काले कारोबार का चिट्ठा भी खुलेगा। एसआईटी विकास दुबे के विरुद्ध चल रहे सभी मुकदमों में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के साथ ही यह भी जांच करेगी कि क्या इन मुकदमों में विकास व उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त थी।
कानपुर पुलिस की कार्रवाई भी जांच के दायरे में
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की जमानत निरस्त कराने के लिए कानपुर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई भी जांच के दायरे में होगी। एसआइटी इस बात की भी जांच करेगी कि विकास दुबे के खिलाफ 13 मार्च 2020 को चौबेपुर थाने में वसूली, मारपीट व जान से मारने की धमकी देेने समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराए गए मुकदमे में उसकी जमानत निरस्त कराने की कार्रवाई आखिर क्यों नहीं की गई। एसआइटी विकास दुबे व उसके साथियों की संपत्तियों का ब्योरा जुटाकर उनके श्रोतों की जांच के लिए ईडी व आयकर विभाग से पड़ताल कराए जाने की संस्तुति भी करेगी।
इन बिंदुओं पर एसआईटी करेगी जांच...
सवालों का जवाब तलाशेगी एसआईटी
इस एनकांउटर में एसटीएफ की थ्योरी पर चौतरफा सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में सरकार ने इस मामले की एसआईटी जांच कराने का फैसला किया है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि बिकरू कांड को अंजाम देने के मामले में 21 अभियुक्तों को नामजद किया गया था, जबकि 60 से 70 अन्य अभियुक्त भी पुलिस के राडार पर हैं। उन्होंने बताया कि विकास दुबे समेत 6 नामजद अभियुक्त मारे जा चुके हैं। जबकि 3 को गिरफ्तार किया गया है। एडीजी ने कहा कि 21 में से 12 अपराधियों को भी जल्द अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। मामले में अन्य अभियुक्तों में 8 को गिरफ्तार किया गया है। विकास के मुठभेड़ में ढेर होने के बाद भी पुलिस अधिकारी चैन से नहीं बैठ पाए हैं। सैकड़ों नम्बर अब भी सर्विलांस पर हैं। शनिवार को जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के फोन दिन भर घनघनाते रहे। कुख्यात के फरार गुर्गों की धरपकड़ को लेकर अधिकारियों द्वारा लगातार टीमों के साथ बातचीत कर अपडेट लिए गए। बताया जा रहा है कि 2500 नम्बर सर्विलांस पर हैं। उनके बारे में भी लगातार अपडेट लिया जा रहा है।
विकास मुठभेड़ की रिपोर्ट पुलिस ने शासन को भेजी
पुलिस और कुख्यात के बीच मुठभेड़ कैसे हुई, क्या कारण रहे और किस तरह से अपराधी को ढेर किया गया। इसकी शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। सूचना है कि मुख्यमंत्री खुद इस पूरी रिपोर्ट के तथ्यों के बारे में जानकारी लेंगे। उसके बाद ही तय होगा कि एनकाउंटर पर उठने वाले सवाल सही हैं या नहीं। वहीं इस मामले में डीएम ने भी मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं। कुख्यात की सम्पत्ति की जांच एडीएम भू अध्याप्ति को सौंपी गई है। विकास के एनकाउंटर के बाद सीएम योगी की तरफ से घटनाक्रम को लेकर पूरी रिपोर्ट तलब की गई है। उन्होंने इस काम की जिम्मेदारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को सौंपी है। सूत्रों के मुतबिक सीएम यह जानना चाहते हैं कि उज्जैन से कानपुर के बीच में विकास ने पुलिस वालों को क्या जानकारियां दीं। साथ ही उज्जैन में उसने किसके-किसके नाम बताए हैं।
जिनके नाम बताए उनकी खैर नहीं
विकास ने जिन लोगों के नाम पुलिस को बताए हैं। उन्हें लेकर भी लखनऊ से रणनीति तय की जाएगी। उनके खिलाफ क्या सबूत होंगे और उन्हें कैसे इकट्ठा किया जाएगा। इस बारे में उच्च अधिकारी भी चर्चा करेंगे। इन लोगों के खिलाफ भी कानूनी शिकंजे को मजबूत किया जाएगा। मजिस्ट्रेटी जांच से भी कई बातें सामने आएंगी।