Sharif Usman Hadi Death: उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा, ढाका समेत कई शहरों में बवाल

Sharif Usman Hadi Death - उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा, ढाका समेत कई शहरों में बवाल
| Updated on: 19-Dec-2025 08:13 AM IST
बांग्लादेश इस समय गहरे संकट और अशांति के दौर से गुजर रहा है, जिसकी शुरुआत इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी के दुखद निधन से हुई है। उनकी मौत के बाद राजधानी ढाका सहित देश के कई प्रमुख शहरों में व्यापक हिंसा और विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं। उस्मान हादी, जो जुलाई विद्रोह के एक प्रमुख व्यक्ति और 2025 के आगामी चुनावों में। एक संभावित उम्मीदवार थे, की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

इंकलाब मंच के प्रवक्ता का निधन

शरीफ उस्मान हादी, इंकलाब मंच के एक मुखर प्रवक्ता और बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा थे। उन्हें पिछले हफ्ते अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा सिर में गोली मार दी गई थी, जिसके बाद वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। छह दिनों तक सिंगापुर के अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद गुरुवार रात उनका निधन हो गया। उनकी मौत की खबर फैलते ही देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई, जिससे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

हमले का विवरण

शरीफ उस्मान हादी पर यह जानलेवा हमला 12 दिसंबर को राजधानी ढाका के पुराना पलटन इलाके में हुआ था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जब वह आगामी राष्ट्रीय चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे और बैटरी से चलने वाले रिक्शा में यात्रा कर रहे थे, तभी एक हमलावर ने मोटरसाइकिल से उनका पीछा किया और उन पर गोलियां चला दीं। गोली उनके बाएं कान के ऊपर से अंदर गई और सिर के दाहिने हिस्से से बाहर निकल गई, जिससे उनके मस्तिष्क को गंभीर क्षति पहुंची और इस हमले ने न केवल उनके समर्थकों को बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था।

सिंगापुर में इलाज और दुखद अंत

हमले के तुरंत बाद, उस्मान हादी को पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनके सिर की गंभीर चोटों के लिए ऑपरेशन किया। हालांकि, उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई थी। डॉक्टरों ने बताया कि गोली लगने से उनके मस्तिष्क को भारी नुकसान हुआ था। बेहतर इलाज के लिए उन्हें बाद में एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर 15 दिसंबर को उन्हें हवाई मार्ग से सिंगापुर ले जाया गया। सिंगापुर जनरल अस्पताल में छह दिनों तक चले उनके इलाज के बावजूद, गुरुवार रात उन्होंने दम तोड़ दिया, जिससे उनके समर्थकों और परिवार में गहरा शोक छा गया।

मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की घोषणा

शरीफ उस्मान हादी के निधन के मद्देनजर, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने अत्यंत दुखद समाचार साझा करते हुए हादी को जुलाई विद्रोह का निडर योद्धा और इंकलाब मंच का प्रवक्ता बताया। यूनुस ने हादी के हत्यारों को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई का वादा किया और 20 दिसंबर (शनिवार) को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की। इस दौरान, सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी भवनों के साथ-साथ विदेशों में स्थित बांग्लादेशी दूतावासों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उन्होंने जुम्मे की नमाज के बाद हादी की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थनाएं आयोजित करने का भी आह्वान किया।

हादी की मौत की खबर फैलते ही, ढाका में लोगों के समूह अखबारों के कार्यालयों के सामने इकट्ठा हो गए और उन पर हमला कर तोड़फोड़ की। सोशल मीडिया पर प्रसारित लाइव वीडियो में प्रदर्शनकारी लाठियों से हमला करते और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाई दिए और प्रोथोम आलो के सामने सड़क पर आग भी देखी गई, और एक समाचार पत्र के अनुसार, कुछ कर्मचारी दोनों कार्यालयों में फंसे हुए थे। यह हिंसा केवल ढाका तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि देश के कई अन्य शहरों में भी फैल गई, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो गई। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा उन लोगों के खिलाफ था जिन्हें वे हादी की मौत। के लिए जिम्मेदार मानते थे, और यह गुस्सा मीडिया संस्थानों पर भी फूटा।

राजनीतिक अस्थिरता और आगामी चुनाव

शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने बांग्लादेश के आगामी चुनावी माहौल को और भी अस्थिर कर दिया है। वह 2025 के चुनाव में ढाका-8 से एक संभावित उम्मीदवार माने जा रहे थे, और उनके चुनाव प्रचार के दौरान ही उन पर हमला हुआ था और उनकी मौत ने राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा शून्य पैदा कर दिया है और विरोध प्रदर्शनों ने देश की राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना आगामी चुनावों पर गहरा प्रभाव डालेगी और राजनीतिक दलों के बीच तनाव को बढ़ा सकती है।

सरकार का परिवार के प्रति समर्थन

मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने अपने संबोधन में यह भी घोषणा की कि सरकार शहीद उस्मान हादी की पत्नी और उनके इकलौते बच्चे के कल्याण की जिम्मेदारी संभालेगी। यह कदम परिवार को इस दुखद घड़ी में सहारा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे इस जघन्य अपराध के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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