उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार देगी 100 यूनिट/माह तक मुफ्त बिजली, 101-200 यूनिट/माह पर 50% छूट

उत्तराखंड - उत्तराखंड सरकार देगी 100 यूनिट/माह तक मुफ्त बिजली, 101-200 यूनिट/माह पर 50% छूट
| Updated on: 08-Jul-2021 01:16 PM IST
देहरादून: उत्तराखंड में घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार बड़ी सौगात देने जा रही है। बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा की। जिनका बिल 200 यूनिट तक होगा, उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।

बुधवार को ऊर्जा भवन में प्रदेश के पहले ऊर्जा मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। मंत्री ने अधिकारियों को जल्द इस घोषणा का प्रस्ताव बनाने को कहा है, जिसके बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।

बैठक में ऊर्जा सचिव राधिका झा के अलावा यूपीसीएल-पिटकुल एमडी डॉ.नीरज खैरवाल, यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल सहित तमाम अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि उनका मकसद यूपीसीएल को घाटे से उबारना, कर्मचारियों की नियुक्तियां करना और उनके हितों की रक्षा करना है। 

सरचार्ज माफी की मियाद बढ़ी

मंत्री हरक ने बताया कि बिजली बिलों पर सरचार्ज माफी की अवधि 15 मई को समाप्त हो गई थी। कोविड के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए यह तय किया गया है कि बिजली बिलों पर सरचार्ज माफी की योजना 31 अक्तूबर तक प्रभावी रहेगी। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।

यह है प्रस्ताव

मंत्री हरक ने बताया कि प्रदेश के करीब 13 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जो 100 से 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली खर्च के दायरे में आते हैं। अब जिनका बिल हर महीने के हिसाब से 100 यूनिट खर्च का होगा, उन्हें पूरी बिजली फ्री दी जाएगी। जिनका बिल 101 से 200 यूनिट प्रतिमाह होगा, उन्हें आधी बिजली यानी 100 यूनिट फ्री होगी और बाकी यूनिट का पैसा देना होगा।

उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश के दूर दराज के ग्रामीण इलाकों तक के उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचेगा। हालांकि उत्तराखंड में बिजली का बिल दो माह का आता है, लेकिन इस योजना का लाभ प्रतिमाह की यूनिट के आधार पर दिया जाएगा। यानी अगर दो माह में किसी का 200 यूनिट का बिल आएगा, तो उसे कोई पैसा नहीं देना होगा।

घरेलू श्रेणी में होंगे हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चर, डेयरी उपभोक्ता

ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया है कि प्रदेश के डेयरी, हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर से जुड़े उपभोक्ता जो अब तक व्यावसायिक श्रेणी में आते थे, उन्हें घरेलू उपभोक्ता की श्रेणी में लाया जाएगा। ताकि उन्हें कोविड काल में कुछ राहत मिल सके।

4500 पदों पर होगी भर्ती, ढांचे का होगा पुनर्गठन

ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि ऊर्जा निगमों विशेषकर यूपीसीएल में आज जो ढांचा है, वह 20 से 25 साल पुराना है। तब करीब आठ लाख उपभोक्ता होते थे, लेकिन आज 26 लाख उपभोक्ता हैं। लिहाजा, पेट्रोलमैन, लाइनमैन, जेई के तमाम पद रिक्त हैं। यह तय किया गया है कि अभी तक पीआरडी और उपनल के संविदाकर्मियों को छोड़कर रिक्त करीब 4500 पदों पर तेजी से भर्ती की जाएगी। साथ ही ढांचा पुनर्गठन के बाद जो भी पद बढ़ेंगे, उन पर भी तेजी से भर्ती की जाएगी। इससे युवाओं को रोजगार मिलने के साथ ही निगमों की कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी होगी।

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