Wakefit Pre-IPO: वेकफिट ने प्री-IPO राउंड में जुटाए ₹56 करोड़, कंपनी का मूल्यांकन ₹6408 करोड़ हुआ
Wakefit Pre-IPO - वेकफिट ने प्री-IPO राउंड में जुटाए ₹56 करोड़, कंपनी का मूल्यांकन ₹6408 करोड़ हुआ
होम और फर्निशिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेकफिट इनोवेशंस ने अपने आगामी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) से पहले एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने हाल ही में एक प्री-IPO फंडिंग राउंड में ₹56 करोड़ सफलतापूर्वक जुटाए हैं। इस फंडिंग के साथ, कंपनी का मूल्यांकन अब ₹6,408 करोड़ आंका गया है, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास और कंपनी की मजबूत बाजार स्थिति को दर्शाता है। यह पूंजी ₹195 प्रति शेयर के भाव पर 28,71,794 इक्विटी शेयरों के निजी प्लेसमेंट के माध्यम से जुटाई गई है, जो कंपनी की विस्तार योजनाओं को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय बढ़ावा है।
IPO से पहले रणनीतिक पूंजी जुटाना
वेकफिट इनोवेशंस ने ₹93. 6 करोड़ के प्री-IPO प्लेसमेंट की योजना बनाई थी, जिसमें से ₹56 करोड़ का यह सफल समापन कंपनी की पूंजी जुटाने की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह फंडिंग कंपनी को अपने IPO से पहले अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और विकास की पहल के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करने में मदद करती है। निजी प्लेसमेंट एक ऐसा तंत्र है जहां कंपनी चुनिंदा निवेशकों को सीधे शेयर जारी करती है, जिससे पूंजी तेजी से और कुशलता से जुटाई जा सकती है। यह प्रक्रिया अक्सर बड़े संस्थागत निवेशकों या उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों को लक्षित करती है जो कंपनी की भविष्य की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं। इस तरह की रणनीतिक फंडिंग कंपनी को बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने और आगामी सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए एक ठोस आधार तैयार करने में सक्षम बनाती है।प्रमुख निवेशक और शेयर आवंटन
इस प्री-IPO राउंड में दो प्रमुख निवेशकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डीएसपी इंडिया फंड ने वेकफिट में ₹40 करोड़ का निवेश किया है, जिसके तहत उसने ₹195 प्रति शेयर की दर से 20,51,282 इक्विटी शेयर खरीदे हैं। इसी तरह, 360 वन इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड ने भी ₹16 करोड़ का निवेश किया है, जिससे उसे समान मूल्य पर 8,20,512 शेयर प्राप्त हुए हैं। इन संस्थागत निवेशकों का प्रवेश वेकफिट की विकास क्षमता में उनके विश्वास को उजागर करता है। कंपनी में पहले से ही पीक XV पार्टनर्स, एलिवेशन कैपिटल, इनवेस्टकॉर्प और वर्लिनवेस्ट जैसे प्रतिष्ठित निवेशक शामिल हैं, जो कंपनी के मजबूत निवेशक आधार और बाजार में उसकी बढ़ती साख को दर्शाता है। इन निवेशकों का समर्थन वेकफिट को अपने परिचालन का विस्तार करने और बाजार में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने में मदद करेगा।वेकफिट के आगामी IPO का अवलोकन
वेकफिट इनोवेशंस ने इस साल जून में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास IPO के माध्यम से पूंजी जुटाने के लिए अपने ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे। अक्टूबर में, SEBI ने इस IPO को मंजूरी दे दी, जिससे कंपनी के सार्वजनिक लिस्टिंग का मार्ग प्रशस्त हो गया। IPO में ₹468. 22 करोड़ के नए शेयर जारी किए जाएंगे, जो कंपनी के सीधे पूंजी आधार में वृद्धि करेगा। इसके अतिरिक्त, प्रमोटरों और मौजूदा निवेशकों द्वारा 5 और 8 करोड़ शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) भी होगा। OFS के तहत, पीक XV पार्टनर्स, रेडवुड ट्रस्ट, वर्लिनवेस्ट, SAI ग्लोबल इंडिया फंड और इनवेस्टकॉर्प जैसे निवेशक अपने कुछ शेयर बिक्री के लिए रखेंगे, जिससे उन्हें अपने निवेश को भुनाने का अवसर मिलेगा और यह IPO कंपनी को व्यापक सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से महत्वपूर्ण पूंजी जुटाने का अवसर प्रदान करेगा।नियामकीय मील के पत्थर और प्रमोटर
SEBI द्वारा IPO को मंजूरी मिलना किसी भी कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण नियामक मील का पत्थर होता है, जो यह दर्शाता है कि कंपनी ने सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए सभी आवश्यक मानदंडों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं को पूरा कर लिया है। यह मंजूरी निवेशकों को कंपनी की पारदर्शिता और अनुपालन के प्रति आश्वस्त करती है। वेकफिट इनोवेशंस के प्रमोटर चैतन्य रामलिंगगौड़ा और अंकित गर्ग हैं, जिन्होंने कंपनी को होम और फर्निशिंग उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने वेकफिट को एक मजबूत ब्रांड और एक सफल व्यवसाय मॉडल बनाने में मदद की है। प्रमोटरों की निरंतर भागीदारी और कंपनी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भविष्य के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।प्री-IPO के बाद शेयरधारिता संरचना
प्री-IPO राउंड के बाद, वेकफिट की शेयरधारिता संरचना एक संतुलित मिश्रण दर्शाती है। कंपनी के प्रमोटरों, चैतन्य रामलिंगगौड़ा और अंकित गर्ग के पास वेकफिट में 43. 47 प्रतिशत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी बनी हुई है, जो कंपनी के प्रबंधन पर उनका नियंत्रण सुनिश्चित करती है। शेष 56. 53 प्रतिशत शेयर सार्वजनिक शेयरधारकों के पास हैं, जिनमें विभिन्न संस्थागत निवेशक शामिल हैं और इनमें से, पीक XV पार्टनर्स के पास 22. 7 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो उन्हें एक प्रमुख संस्थागत निवेशक बनाता है और वर्लिनवेस्ट के पास 9. 89 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि इनवेस्टकॉर्प के पास 9. 39 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एलिवेशन कैपिटल के पास 4. 73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह विविध शेयरधारिता आधार कंपनी को विभिन्न रणनीतिक और वित्तीय दृष्टिकोणों से लाभान्वित करता है।IPO आय का उपयोग
IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का उपयोग। कंपनी की महत्वाकांक्षी विस्तार और विकास योजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए किया जाएगा। इन निधियों का एक बड़ा हिस्सा 117 नए कोको-रेगुलर स्टोर और एक कोको-जंबो स्टोर खोलने के लिए समर्पित किया जाएगा और यह विस्तार कंपनी की बाजार पहुंच को बढ़ाने और देश भर में अधिक ग्राहकों तक पहुंचने की रणनीति का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, इन निधियों का उपयोग मौजूदा कोको-रेगुलर स्टोर के लिए लीज, सब-लीज किराया और लाइसेंस फीस के भुगतान के लिए भी किया जाएगा, जिससे परिचालन लागत को कवर किया जा सके। पूंजीगत व्यय के मोर्चे पर, कंपनी नए इक्विपमेंट्स और मशीनरी की खरीद के लिए भी धन का उपयोग करेगी, जिससे उत्पादन क्षमता और दक्षता में सुधार होगा। मार्केटिंग और विज्ञापन खर्चों के लिए भी एक हिस्सा आवंटित किया जाएगा, जो ब्रांड जागरूकता और ग्राहक अधिग्रहण को बढ़ावा देगा। अंत में, शेष निधियों का उपयोग सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जिससे कंपनी की समग्र वित्तीय स्थिरता और लचीलापन सुनिश्चित होगा।IPO का मार्गदर्शन करने वाले मर्चेंट बैंकर
वेकफिट के आगामी IPO को संभालने के लिए तीन प्रतिष्ठित मर्चेंट बैंकरों को नियुक्त किया गया है। एक्सिस कैपिटल, IIFL कैपिटल सर्विसेज और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) इस सार्वजनिक पेशकश के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये मर्चेंट बैंकर IPO प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को संभालेंगे, जिसमें नियामक फाइलिंग, बाजार मूल्यांकन, निवेशक संबंध और लिस्टिंग के बाद का समर्थन शामिल है और उनकी विशेषज्ञता और अनुभव वेकफिट को एक सफल IPO सुनिश्चित करने में मदद करेंगे, जिससे कंपनी को सार्वजनिक बाजारों में एक मजबूत शुरुआत मिलेगी। इन वित्तीय सलाहकारों की भागीदारी IPO की विश्वसनीयता और दक्षता को बढ़ाती है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ता है।