India-Pakistan Relations: हमारे पास सर्जिकल स्ट्राइक का साहस, लेकिन PAK से बातचीत का नहीं- मणिशंकर अय्यर

India-Pakistan Relations - हमारे पास सर्जिकल स्ट्राइक का साहस, लेकिन PAK से बातचीत का नहीं- मणिशंकर अय्यर
| Updated on: 12-Jan-2025 11:03 AM IST

India-Pakistan Relations: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में पाकिस्तान से जुड़े मसलों पर संवाद स्थापित करने का साहस नहीं दिखाया जा रहा है। उन्होंने सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदमों की आलोचना करते हुए कहा कि बातचीत के रास्ते खुलने चाहिए।

अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान को अक्सर आतंकवाद का केंद्र माना जाता है, लेकिन सच यह है कि पाकिस्तान खुद भी आतंकवाद का शिकार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान की पुरानी सोच हमेशा से अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता में लाने की रही है। हालांकि, अब वही तालिबान पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है।

पाकिस्तान से बातचीत की वकालत मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान से संवाद न करना भारत के लिए आत्मघाती हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के रास्ते खोलने चाहिए, जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर मुद्दे पर किया था।

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले लोग भी भारतीयों की तरह ही हैं। बंटवारे की त्रासदी ने दोनों देशों को अलग कर दिया है, लेकिन मानवता के स्तर पर हम एक जैसे हैं। अय्यर ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों का जिक्र मणिशंकर अय्यर ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह सच है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, लेकिन इन घटनाओं के पीछे मुख्य वजह शेख हसीना के प्रति उनका समर्थन है।

उन्होंने कहा कि इन हमलों को मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है। अय्यर ने स्पष्ट किया कि अधिकांश संघर्ष राजनीतिक मतभेदों के कारण हो रहे हैं। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव से अधिक राजनीतिक संघर्ष बताया।

शेख हसीना की तारीफ में बोले मणिशंकर अय्यर अय्यर ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने भारत के हित में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने शेख हसीना को भारत में शरण दिए जाने के निर्णय की सराहना की।

अय्यर ने कहा, "मैं आशा करता हूं कि सभी इस बात से सहमत होंगे कि शेख हसीना ने भारत के लिए कई अच्छे कार्य किए हैं। हमें उनका सम्मान करना चाहिए और जब तक वे चाहें, उन्हें भारत में रहने की अनुमति मिलनी चाहिए। अगर उन्हें पूरे जीवन भी भारत में रहना पड़े, तो हमें उनके मेजबान बने रहना चाहिए।"

अपने व्यक्तिगत अनुभव का किया जिक्र अय्यर ने अपने निजी अनुभव का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि एक तमिल व्यक्ति होने के नाते उन्हें और उनकी पंजाबी पत्नी को किसी पाकिस्तानी पंजाबी से कोई बड़ा अंतर नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि मानवता का आधार एक है और सांस्कृतिक भिन्नताएं सिर्फ सतही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे बीच की समानताएं हमारे विभाजनों से कहीं अधिक गहरी हैं।

आलोचना के बावजूद पाकिस्तान से संबंध सुधारने की पैरवी मणिशंकर अय्यर का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हैं। बावजूद इसके उन्होंने बातचीत के रास्ते खोलने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए संवाद बेहद जरूरी है।

अय्यर के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। उनकी टिप्पणी को लेकर सत्तारूढ़ दल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आ सकती है। हालांकि, अय्यर अपने बयान पर अडिग नजर आते हैं। उनका कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक बातचीत बहाल करना दोनों देशों के हित में है और इससे क्षेत्रीय शांति को भी बढ़ावा मिलेगा।

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