देश: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की विशेषताएं क्या हैं?

देश - आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की विशेषताएं क्या हैं?
| Updated on: 27-Sep-2021 03:18 PM IST
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन की शुरुआत की. इसके तहत लोगों को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा, जिसमें उनका स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड दर्ज होगा.

लाल किले से की थी घोषणा

प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी. वर्तमान में इस योजना को छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है.

गरीब के जीवन की चिंता हुई दूर

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने गरीब के जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर की है. अभी तक दो करोड़ से अधिक देशवासियों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है. इसमें भी आधी लाभार्थी, हमारी माताएं, बहनें, बेटियां हैं.’

देशवासियों को मिलेगी डिजिटल हेल्थ आईडी

उन्होंने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन के तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी. हर नागरिक का स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा.’’

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अब भारत में एक ऐसे स्वास्थ्य मॉडल पर काम जारी है, जो समग्र हो और समावेशी भी हो.

बता दें कि सरकार इस मिशन के तहत हर किसी का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाएगी. Just Like आधार कार्ड. और ठीक आधार नंबर की तरह आपको एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर मिलेगा. इसी नंबर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी और डॉक्टर इसी नंबर से उस व्यक्ति का पूरा रिकॉर्ड जानेंगे.

ये हैं फायदे

इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि जब आप डॉक्टर को दिखाने जाएंगे तो फाइल ले जाने से छुटकारा मिलेगा. डॉक्टर या अस्पताल रोगी की यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे. उसी आधार पर आगे का इलाज भी शुरू हो सकेगा. ये कार्ड ये भी बताएगा कि आप किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं या फिर आपको आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलता है या नहीं.

अगला सवाल, ये कार्ड बनेंगे कैसे? सो सिंपल. आपका मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा. इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो आपका या किसी का भी हर एक डेटा जुटाएगी. जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी. 

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