Israel-Iran War: मध्य-पूर्व एक बार फिर से युद्ध की दहलीज पर खड़ा है। इजरायल ने शुक्रवार सुबह एक बड़ा सैन्य अभियान चलाते हुए ईरान की राजधानी तेहरान और उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले को 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' नाम दिया गया है। यह हमला 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा सैन्य प्रहार माना जा रहा है।
इजरायली सेना के मुताबिक, शुक्रवार सुबह सटीक हमलों की एक श्रृंखला के तहत तेहरान और अन्य सैन्य व परमाणु ठिकानों पर करीब 100 लक्ष्यों को निशाना बनाया गया। इजरायल के प्रमुख सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन के अनुसार, इस ऑपरेशन में लगभग 200 इजरायली लड़ाकू विमान शामिल थे और कार्रवाई अब भी जारी है।
इस हमले के कुछ घंटों के भीतर ही ईरान ने जोरदार पलटवार करते हुए इजरायल की ओर 100 से ज्यादा ड्रोन भेजे। डेफ्रिन ने बताया कि इजरायल की एयर डिफेंस यूनिट्स सक्रिय रूप से काम कर रही हैं और अधिकतर ड्रोन को बीच में ही मार गिराया गया है।
इजरायल का यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इजरायल लंबे समय से इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा मानता रहा है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने चेतावनी दी है कि इजरायल को इस कार्रवाई की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इन हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन उसने चेतावनी दी है कि अमेरिकी हितों पर हमला होने पर कठोर प्रतिक्रिया दी जाएगी।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ईरान और इजरायल दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि नागरिक इलाकों पर मिसाइल और ड्रोन हमले हो सकते हैं।