Viral News: इस देश में घोड़े को दी जाने वाली दवा क्यों खा रहे हैं लोग?
Viral News - इस देश में घोड़े को दी जाने वाली दवा क्यों खा रहे हैं लोग?
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Updated on: 12-Apr-2021 01:02 PM IST
Delhi: यूपी के शामली में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई थी जब कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज वैक्सीन लगा दी गई थी। हालांकि कोरोना काल में कई दूसरे देशों में भी अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिल रही है। कोरोना से बुरी तरह जूझ रहे फिलीपींस के लोग घोड़े के लिए इस्तेमाल होने वाले ड्रग को कोरोना वैक्सीन के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। फिलीपींस वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है और इस महामारी को लेकर लोगों का प्रशासन पर भरोसा भी कम हुआ है। इसके अलावा फिलीपींस के कई अस्पतालों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोग वैक्सीन को लेकर काफी तनाव में हैं और फौरन उपाय के लिए बिना साइड-इफेक्ट्स की चिंता किए हुए आइवरमेक्टिन नाम के ड्रग को इस्तेमाल कर रहे हैं। इस ड्रग को घोड़ों पर इस्तेमाल किया जाता है। मार्च के महीने में इस ड्रग को लेकर फिलीपींस में 700 गुणा ज्यादा ऑनलाइन सर्च की गई थी। इस ड्रग का प्रभाव ऐसा है कि देश के कुछ नेता और सोशल मीडिया इंफ्लूएंजर्स भी इस ड्रग को कोरोना वैक्सीन के तौर पर प्रमोट कर रहे हैं।फिलीपींस में इस ड्रग को इंसानों के इस्तेमाल के लिए नहीं रजिस्टर किया गया है। यानि इस ड्रग को बेचना फिलीपींस में गैर-कानूनी है। आइवरमेक्टिन को बनाने वाली कंपनी मर्क ने भी एक बयान में कहा है कि वैज्ञानिकों ने इस दवा को कोरोना वैक्सीन के तौर पर सही नहीं पाया है लेकिन इसके बावजूद इस ड्रग की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। Ivermectin दवा के इस्तेमाल को लेकर एक दिक्कत इसके अलग-अलग वर्जन का मौजूद होना भी है। अमेरिका में इस दवा के एक वर्जन को इंसानों के इलाज के लिए एप्रूव किया गया है, लेकिन ट्रॉपिकल डिजीज और Lice के लिए। कोरोना की बीमारी में इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। वहीं फिलीपींस में इंसानों के लिए इस दवा को मंजूरी नहीं दी गई है।बता दें कि 9 अप्रैल तक फिलीपींस में 1 लाख 67 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित लोग हैं। कोरोना के चलते इस देश में 14 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, कई लोग घर पर बिना इलाज के अभाव में मर रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे भी हैं जो बेड के अभाव में अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दे रहे हैं। ऐसे हालातों में उन्हें इस समस्या से जो भी राहत दे रहा है, वो उसे अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।इस दवा के साथ कई कंफ्यूजन भी हैं। अमेरिका में इस ड्रग के एक वर्जन को इंसानों पर इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन सिर्फ ट्रॉपिकल बीमारियों के लिए, कोरोना वैक्सीन के तौर पर नहीं। इसके अलावा इस दवा के डोज को लेकर चिंताएं भी सामने आई हैं।यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस दवा के साइड इफेक्ट्स भी जारी किए हैं वही डब्ल्यूएचओ ने इस ड्रग को लेकर कहा है कि इसे सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल्स में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।कई लोगों का मानना है कि इस दवा से वे कोरोना होने से अपने आपको बचा सकते हैं या फिर इस महामारी से बेहतर ढंग से रिकवर हो सकते हैं। हालांकि फिलीपींस का प्रशासन इस ड्रग को लेकर चेतावनी भी जारी कर चुका है लेकिन इसके बावजूद सोशल मीडिया, चैट ग्रुप्स और ई-कॉमर्स साइट्स पर इस ड्रग का मार्केट फल-फूल रहा है।
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