India-China Relation: आखिरकार ड्रैगन क्यों पीछे हटा? LAC पर भारत की बड़ी सफलता के 5 कारण

India-China Relation - आखिरकार ड्रैगन क्यों पीछे हटा? LAC पर भारत की बड़ी सफलता के 5 कारण
| Updated on: 03-Dec-2024 07:20 PM IST
India-China Relation: भारत-चीन सीमा विवाद एक लंबे समय से जटिल मुद्दा रहा है, जो अक्सर क्षेत्रीय और वैश्विक ध्यान का केंद्र बनता है। लेकिन हाल के वर्षों में, भारत ने अपने दृढ़ नेतृत्व, कूटनीतिक प्रयास और सैन्य तैयारियों के बल पर इस चुनौती को सफलतापूर्वक संभालते हुए सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाया है। खासकर 2020 के बाद से, जब पूर्वी लद्दाख में हालात अत्यंत तनावपूर्ण थे, भारत ने चीन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

21 अक्टूबर 2024 को देपसांग और डेमचोक में तनाव समाप्त करने की सहमति ने दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय लिखा। भारत की इस सफलता के पीछे पांच प्रमुख वजहें रहीं, जो इस प्रकार हैं:


1. सैन्य शक्ति और बुनियादी ढांचे में मजबूती

2020 के गलवान संघर्ष के बाद, भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों में उल्लेखनीय वृद्धि की। हाई-एल्टीट्यूड युद्ध के लिए प्रशिक्षण, अत्याधुनिक हथियारों की तैनाती, और ठोस रणनीतिक कदमों ने भारतीय सेना को हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाया।

साथ ही, सीमा पर बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया। उमलिंगला पास रोड, अटल टनल, और सेला सुरंग जैसी परियोजनाओं ने सैन्य आपूर्ति और परिवहन को सुगम बनाया। इन विकास कार्यों ने न केवल भारत को रणनीतिक बढ़त दिलाई, बल्कि यह संकेत भी दिया कि भारत अपने क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।


2. कूटनीतिक प्रयासों की जीत

भारत ने विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीति का सहारा लिया। 2020 से अब तक मिलिट्री कमांडर स्तर की 21 बैठकें और WMCC (वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन) की 17 बैठकें इस बात का प्रमाण हैं कि भारत ने संवाद को प्राथमिकता दी।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री ने कई बार चीनी समकक्षों से मुलाकात कर यह सुनिश्चित किया कि वार्ता का रास्ता खुला रहे। यह भारत की संयम और दृढ़ता का परिणाम है कि चीन को अपने आक्रामक रवैये पर पुनर्विचार करना पड़ा।


3. स्पष्ट सिद्धांतों पर अडिग रुख

भारत ने तीन प्रमुख सिद्धांतों को स्पष्ट किया:

  1. LAC का सम्मान: दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का पालन करना होगा।
  2. एकतरफा बदलाव अस्वीकार्य: सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोई भी कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी।
  3. पुराने समझौतों का पालन: पूर्व में हुए समझौतों का सम्मान अनिवार्य है।
इन सिद्धांतों पर भारत ने किसी भी प्रकार का समझौता करने से इंकार किया। इस स्पष्ट रुख ने चीन को यह संकेत दिया कि भारत अब हर हाल में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखेगा।


4. हरकतों का मुँहतोड़ जवाब

गलवान संघर्ष के बाद भारत ने चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया। भारतीय सेना ने मिरर डिप्लॉयमेंट की रणनीति अपनाई, जिससे चीन को एहसास हुआ कि उसकी आक्रामकता का कोई लाभ नहीं होगा।

भारतीय सैनिकों की साहसिक और दृढ़ प्रतिक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि चीन को किसी भी तरह की सैन्य सफलता नहीं मिले। इसके अलावा, भारत ने सीमा पर निगरानी के लिए ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करते हुए अपनी स्थिति और मजबूत की।


5. वैश्विक मंच पर भारत की मजबूती

भारत ने विवाद को सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया। ब्रिक्स और जी-20 जैसे मंचों पर चीन के आक्रामक रवैये की आलोचना की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कूटनीतिक वार्ताओं ने भी विवाद सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। भारत ने यह सुनिश्चित किया कि वैश्विक समुदाय उसकी स्थिति को समझे और उसका समर्थन करे।


दुनिया को भारत का संदेश

भारत ने यह संदेश दिया है कि वह न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा में सक्षम है, बल्कि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। भारत की यह सफलता दिखाती है कि शांति और कूटनीति के माध्यम से जटिल विवाद भी सुलझाए जा सकते हैं।

भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उसकी संप्रभुता और अखंडता सर्वोपरि है। इस सफलता ने भारत को एक जिम्मेदार और सशक्त वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया है।


यह प्रकरण भारत की दृढ़ता और कूटनीतिक कौशल का एक उदाहरण है, जिसने दिखाया कि कैसे संयम, साहस और रणनीति के बल पर जटिल चुनौतियों का समाधान निकाला जा सकता है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।