देश: GST रेवेन्यू में क्यों आई कमी, लोकसभा में सरकार ने बताई ये बड़ी वजह

देश - GST रेवेन्यू में क्यों आई कमी, लोकसभा में सरकार ने बताई ये बड़ी वजह
| Updated on: 16-Sep-2020 07:55 AM IST
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने जीएसटी राजस्व में कमी (GST Shortfall) और राज्यों की क्षतिपूर्ति (GST Compensation) को लेकर कई जा​नकारियां दी हैं। लोकसभा में एक सवाल के​ लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-जुलाई की अवधि के लिए स्वीकार्य जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी करने के लिए पर्याप्त नहीं है। हालांकि, इस अवधि के लिए राज्यों को लम्बित जीएसटी क्षतिपूर्ति की अंतिम रूप देने के लिए गणना कर ली गई है। मंत्री ने यह भी बताया कि जीएसटी राजस्व में कमी क्यों आई?


वित्त वर्ष 20 में क्षतिपूर्ति के तौर पर 1।65 लाख करोड़ जारी

दरअसल, सरकार से एक लिखित प्रश्न में पूछा गया था कि क्या सरकार ने विभि​न्न राज्यों को 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा के बाद नवंबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच के महीनों के लिए जीएसटी मुआवजा जारी किया है? इस सवाल के जवाब में अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि के लिए स्वीकार्य जीएसटी क्षतिपूर्ति को जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 1,65,302 करोड़ रुपये की जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी कर दी गई है।

अगस्त तक जीएसटी राजस्व लक्ष्य से पीछे

एक अन्य सवाल में जीएसटी राजस्व में कमी संबंधी जवाब मांगा गया था। इसमें यह भी पूछा गया था कि क्या उपकर के जरिए जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए इसे 2022 के आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं? वित्त राज्य मंत्री ने इसके जवाब में बताया कि केंद्र के लिए बजट के अनुसार जीएसट टार्गेट 6,90,500 करोड़ रुपये रखा गया था। अगस्त 2020 तक के लिए वास्तविक जीएसटी कलेक्शन 1,81,050 करोड़ रुपये रहा है। इसका मतलब है कि अगस्त 2020 तक लक्ष्य का केवल 26।2 फीसदी ही पूरा हो सका है।


क्यों आई जीएसटी राजस्व में कमी?

उन्होंने बताया कि जीडीपी राजस्व का यह अनुमान वित्त वर्ष 2020-21 में बेहतर जीडीपी ग्रोथ के आधार पर लगाया गया था। लेकिन, हाल ही में सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पहली तिमाही में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ रेट 22।6 फीसदी लुढ़का है। जीएसटी राजस्व में कमी का यह सबसे बड़ा कारण है। दूसरी तरफ कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मार्च में लगाये गये लॉकडाउन भी एक कारण है। इस बीच ​आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी थीं और जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की टाइमलाइन को भी बिना ब्याज, लेट फीस या पेनाल्टी के ही बढ़ाया गया था।


जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों के पास दो विकल्प

बकाया जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में इस बारे में चर्चा की गई है। इस बैठक में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए दो विकल्प रखे गये हैं। एक विकल्प यह था कि राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति का 97,000 करोड़ रुपये रिज़र्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष विंडो सुविधा से उधार लेकर पूरा कर लें और दूसरा विकल्प यह कि राज्य 2।35 लाख करोड़ रुपये की पूरी राशि बाजार से जुटा लें। इस उधार को चुकाने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर को 2022 के बाद भी जारी रखा जाएगा।

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