विदेश: क्यों कई एयरलाइंस ने किया बेलारूस के ऊपर से उड़ान ना भरने का फैसला?

विदेश - क्यों कई एयरलाइंस ने किया बेलारूस के ऊपर से उड़ान ना भरने का फैसला?
| Updated on: 26-May-2021 07:26 AM IST
ब्रसेल्स: बेलारूस ने एक सरकार विरोधी पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए लड़ाकू विमान भेज दिए। दरअसल, यह पत्रकार यात्री विमान से ग्रीस से लिथुआनिया जा रहा था लेकिन इसी दौरान विमान को जबरन बेलारूस के मिंस्क में उतारा गया और फिर पत्रकार और उनकी प्रेमिका दोनों को पकड़ा गया। खबरों के मुताबिक, यह सब बेलारूस के राष्ट्रपति के आदेश के बाद हुआ। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है फ्लाइट को जबरदस्ती डाइवर्ट करने के लिए बेलारूस की तरफ से MIG-29 फाइटर जेट को भेजा गया था।

हालांकि, बेलारूस की इस कार्रवाई की पश्चिमी देशों ने आलोचना की है। यूरोपीय देशों ने बेलारूस की इस कार्रवाई को एक 'आतंकी' घटना बताया है। यूरोपियन यूनियन ने इस घटना के बाद बेलारूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं और उड़ानें भी बंद करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं अब बेलारूस की एयरलाइन कंपनियां यूरोपियन एयरस्पेस और एयरपोर्ट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी।

26 वर्षीय पत्रकार रोमन प्रोतसेविच रयान एयर के यात्री विमान से लिथुआनिया जा रहे थे। लेकिन बेलारूस ने फ्लाइट को जबरन राजधानी मिंस्क में लैंड कराया और पत्रकार को गिरफ्तार किया। आखिरकार, विमान छह घंटे की देरी से अपने गंतव्य स्थान यानी लिथुआनिया पहुंचा। 

बीबीसी की खबर के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रोमन बहुत डरे हुए थे और वह साथी यात्रियों से कह रहे थे कि उन्हें मौत की सजा हो सकती है। विमान में 126 यात्री सवार थे। बता दें कि बेलारूस अकेला ऐसा यूरोपिय देश है जहां अभी भी कैदियों को फांसी की सजा होती है।

रोमन प्रोतसेविच एक पॉलिटिकल ऐक्टिविस्ट हैं। वह अकसर बेलारूस के राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंकों की आलोचना करते रहे हैं। सोमवार को रोमन का एक वीडियो भी जारी किया गया जिसमें वह बेलारूस के प्रशासन की ओर से लगाए गए अपराध को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं।

बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको 66 साल के हैं और देश में 1994 से सत्तासीन हैं। बीते साल विवादित चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद से ही लुकाशेंकों ने विरोधी आवाजों को दबाना शुरू कर दिया था और विपक्ष के कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी बेलारूस की इस कार्रवाई की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि पत्रकार प्रोतसेविच की गिरफ्तारी और फिर जारी किया गया उनका वीडियो दोनों ही राजनीतिक विरोधियों और प्रेस की स्वतंत्रता पर शर्मनाक प्रहार है। बाइडेन ने यूरोपियन संघ की ओर से बेलारूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के कदम की सराहना की है और यह भी कहा है कि इसमें अमेरिका भी साथ है।

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