Bennu Asteroid: नासा के लिए क्यों इतना कीमती है बेन्नु का सैम्पल- अंतरिक्ष से आया खजाना

Bennu Asteroid - नासा के लिए क्यों इतना कीमती है बेन्नु का सैम्पल- अंतरिक्ष से आया खजाना
| Updated on: 13-Oct-2023 10:24 PM IST
Bennu Asteroid: नासा का OSIRIS-REx मिशन चर्चा में है. चर्चा की वजह है वो नमूना जिसे नासा का अंतरिक्ष यान हाल में लेकर आया था. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने हाल में क्षुद्रग्रह बेन्नु से जुड़ी जानकारी और यहां से लिए नमूनों की तस्वीरों को साझा किया. इस मिशन कई ऐसी खास बातें हैं जो चौंकाती हैं. जैसे- झुद्रग्रह बेन्नु का नमूना लेने के लिए नासा के अंतरिक्ष यान ने साल 2020 में उड़ान भरी थी. दो हफ्ते पहले ही उस अंतरिक्ष विमान की वापस हुई.

अमेरिका के यूटा में विमान के कैप्सूल की लैंडिंग के बाद कई बातें सामने आईं. नासा के मुताबिक, कैप्सूल क्षुद्रग्रह बेन्नु से 750 ग्राम का नमूना लेकर लौटा है. दिलचस्प बात यह भी है कि इस मिशन के लिए नासा ने 1.16 अरब डॉलर खर्च किए थे.

क्यों खजाने से कम नहीं है यह नमूना?

क्षुद्रग्रह बेन्नु से लाया गया नमूना किसी खजाने से कम नहीं है. यह नमूना करीब 4.6 अरब साल पुराना बताया गया है. नासा का कहना है कि यह कार्बन और पानी से मिलकर बना है. पृथ्वी भी इन दोनों से मिलकर बनी है. इसलिए इसे भी खजाना कहा जा रहा है कि क्योंकि इससे इस बात की जानकारी मिलने की उम्मीद है कि धरती कैसे बनी और यहां जीवन की शुरुआत कैसे हुई.

नासा के वैज्ञानिकों ने इस क्षुद्रग्रह पर दांव क्यों लगाया, अब इसे भी समझ लेते हैं. दरअसल, वैज्ञानिकों ने क्षुद्रग्रह को चुनते समय इसके कार्बनिक यौगिकों को समझा. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षुद्रग्रह के मलबे से खास तरह के कण हासिल किए जा सकते हैं.

नासा के इस मिशन के क्यूरेशन लीड क्रिस्टोफर स्नेड का कहना है कि नमूने की मात्रा पर्याप्त है जिससे कई तरह की जानकारियां सामने आ सकती हैं. धरती तक पहुंचने के बाद कैप्सूल को जॉनसन सेंटर ले जाया गया. जहां इसे दुनिया के अलग-अलग लैब में भेजा जाएगा और करीब 200 वैज्ञानिक इसकी जांच करेंगे. इससे पता चलता है कि यह सैम्पल नासा के लिए कितना खास है.

200 वैज्ञानिक करेंगे जांच

अंतरिक्ष यान ने अब तक जो डाटा जुटाया है कि उससे पता चला है कि क्षुद्रग्रह बेन्नु के बाहरी हिस्से के कण काफी ढीले हैं. वैज्ञानिकों को लगता है कि इससे यह पता चल सकता है कि धरती से ग्रह बनने के पीछे क्या विज्ञान है. नमूने से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि कैसे चीजें मिलने लगीं और धरती एक रहने लायक ग्रह बन गया.

परमाणु विस्फोट से 24 गुना ज्यादा शक्तिशाली

खगोलविदों का कहना है, बेन्नुएक विशाल क्षुद्रग्रह है जो पृथ्वी से टकरा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो पृथ्वी पर 1200 मेगा टन एनर्जी निकलेगी, जो परमाणु विस्फोट से 24 गुना ज्यादा शक्तिशाली होगी. इसके धरती से टकराने का खतरा मात्र 0.037 फीसदी है. 1999 में खोजा गया यह क्षुद्रग्रह अगले 159 सालों में धरती से टकरा सकता है.

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