Dalai Lama: चीन क्यों दलाई लामा से चिढ़ता है , तिब्बत से बीजिंग को है कौन सा खतरा?

Dalai Lama - चीन क्यों दलाई लामा से चिढ़ता है , तिब्बत से बीजिंग को है कौन सा खतरा?
| Updated on: 02-Jul-2025 06:00 PM IST

Dalai Lama: दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता हैं। वर्तमान 14वें दलाई लामा, तेनजिन ग्यात्सो, वर्ष 1950 से इस भूमिका में हैं। वे न केवल एक धार्मिक नेता हैं, बल्कि तिब्बत की स्वायत्तता और सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक भी हैं। हालांकि, चीन और दलाई लामा के बीच तनाव और विवाद की जड़ें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों में गहरी हैं। यह लेख इस जटिल विवाद को विस्तार से समझने का प्रयास करता है।

तिब्बत का ऐतिहासिक परिदृश्य

तिब्बत का इतिहास समझना इस विवाद को समझने की पहली सीढ़ी है। तिब्बत ऐतिहासिक रूप से एक स्वतंत्र क्षेत्र रहा है, जिसकी अपनी संस्कृति, भाषा और धार्मिक परंपराएं थीं। 13वीं से 20वीं सदी तक तिब्बत समय-समय पर चीन के प्रभाव में रहा, लेकिन इसकी स्वायत्तता और विशिष्ट पहचान बनी रही। 1950 में, माओ ज़ेडॉन्ग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट चीन ने तिब्बत पर सैन्य कब्जा कर लिया और 1951 में इसे औपचारिक रूप से चीन का हिस्सा घोषित किया। तिब्बत ने इस कब्जे को स्वीकार नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप तनाव बढ़ता गया।

विवाद के प्रमुख कारण

1. तिब्बत की स्वायत्तता की मांग

दलाई लामा और उनके समर्थक तिब्बत के लिए सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई स्वतंत्रता के साथ वास्तविक स्वायत्तता की मांग करते हैं। 1980 के दशक से दलाई लामा ने "मध्यम मार्ग" (Middle Way Approach) की वकालत की है, जिसमें तिब्बत को पूर्ण स्वतंत्रता के बजाय चीन के भीतर अधिक स्वायत्तता मिले। हालांकि, चीन इसे तिब्बत को अलग करने की साजिश मानता है और दलाई लामा को "विभाजनकारी" कहकर उनकी आलोचना करता है।

2. दलाई लामा की वैश्विक छवि

दलाई लामा को विश्व स्तर पर शांति और मानवाधिकारों के प्रतीक के रूप में सम्मान प्राप्त है। 1989 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी वैश्विक लोकप्रियता और विश्व नेताओं के साथ मुलाकातें, जैसे कि भारत और अमेरिका के नेताओं से संवाद, चीन में असुरक्षा का भाव पैदा करती हैं। चीन इन मुलाकातों को अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मानता है और इसका कड़ा विरोध करता है।

3. तिब्बत में चीनी नीतियां

चीन ने तिब्बत में कई कठोर नीतियां लागू की हैं, जिनमें तिब्बती बौद्ध मठों पर नियंत्रण, तिब्बती भाषा और संस्कृति को दबाना, और हान चीनी आबादी को तिब्बत में बसाना शामिल है। दलाई लामा इन नीतियों की आलोचना करते हैं, जिसे चीन "चीन विरोधी" प्रचार मानता है। इसके अलावा, तिब्बत में मानवाधिकार हनन के आरोप, जैसे धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और प्रदर्शनकारियों पर दमन, इस विवाद को और गहराते हैं।

4. दलाई लामा के उत्तराधिकार का सवाल

2025 में दलाई लामा की उम्र 90 वर्ष हो चुकी है, जिसके कारण उनके उत्तराधिकार का मुद्दा चर्चा में है। तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार, दलाई लामा का पुनर्जन्म होता है और नया दलाई लामा चुना जाता है। हालांकि, चीन ने दावा किया है कि वह अगले दलाई लामा की नियुक्ति को नियंत्रित करेगा, जैसा कि उसने पंचेन लामा के मामले में किया। यह तिब्बती समुदाय और दलाई लामा के समर्थकों के लिए अस्वीकार्य है, क्योंकि यह तिब्बती धार्मिक स्वायत्तता पर सीधा हमला है।

चीन की चिंताएं

चीन दलाई लामा को तिब्बत में अपने नियंत्रण के लिए खतरा मानता है। उनकी वैश्विक अपील और तिब्बती समुदाय में प्रभाव चीन की एक-दलीय शासन व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण है। चीन तिब्बत को अपने क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा मानता है और दलाई लामा की स्वायत्तता की मांग को राष्ट्रीय एकता के खिलाफ देखता है। इसके अलावा, दलाई लामा की विश्व नेताओं से मुलाकातें और तिब्बत के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय चर्चा चीन को कूटनीतिक रूप से परेशान करती है।

भारत की भूमिका

1959 में भारत ने दलाई लामा को शरण दी और धर्मशाला में उनकी निर्वासित सरकार (Central Tibetan Administration) को स्थापित करने की अनुमति दी। भारत दलाई लामा को एक धार्मिक नेता के रूप में सम्मान देता है, लेकिन यह भारत-चीन संबंधों में तनाव का एक कारण रहा है। भारत का यह रुख तिब्बत के सांस्कृतिक और धार्मिक मुद्दों के प्रति उसकी सहानुभूति को दर्शाता है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।