India-Canada Relations: जानिए कौन है कनाडा का वो सिख, जिसे ट्रूडो खुश करने में लगे हैं जस्टिन?

India-Canada Relations - जानिए कौन है कनाडा का वो सिख, जिसे ट्रूडो खुश करने में लगे हैं जस्टिन?
| Updated on: 17-Oct-2024 09:50 AM IST
India-Canada Relations: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव अब अपने चरम पर पहुंच गया है। बीते रविवार को कनाडा ने भारतीय डिप्लोमैट्स को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' बताते हुए उन्हें विवाद में शामिल कर लिया, जिसके बाद भारत सरकार ने 6 भारतीय डिप्लोमैट्स को वापस बुलाने का फैसला किया। ये सभी डिप्लोमैट्स शनिवार तक भारत पहुंच जाएंगे।

भारत का सख्त रुख

भारत ने इस पूरे मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को राजनीति से प्रेरित और वोट बैंक को साधने की कोशिश करार दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है और ये केवल घरेलू राजनीतिक लाभ उठाने का एक प्रयास हैं।

ट्रूडो सरकार की मुश्किलें

कनाडा में अगले साल चुनाव होने वाले हैं, और ट्रूडो की सरकार कई मुद्दों पर बैकफुट पर है। खासकर, खालिस्तानी समर्थक पार्टी एनडीपी के नेता जगमीत सिंह ने हाल ही में ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिससे ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई। हालांकि, हाल में पारित अविश्वास प्रस्ताव फेल हो गया है, लेकिन आने वाले चुनाव ट्रूडो के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।

ट्रूडो अब जगमीत सिंह के समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं, जो कनाडा के सिख समुदाय का एक महत्वपूर्ण नेता हैं। जगमीत सिंह का मानना है कि कनाडाई हिंदू, सिखों और मुस्लिमों के खिलाफ हैं, और उनका समर्थन जुटाने के लिए ट्रूडो भारत विरोधी एजेंडे का सहारा ले रहे हैं।

जगमीत सिंह की भूमिका

जगमीत सिंह, जो न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता हैं, ने ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया और कहा कि ट्रूडो ने लोगों को निराश किया है। उनका जन्म पंजाब में हुआ था, और उनके परिवार ने 1993 में कनाडा का रुख किया। पहले वह खालिस्तान आंदोलन के समर्थक रहे हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इससे दूरी बना ली। हाल के दिनों में, उन्होंने भारत के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की है और ट्रूडो को भारत में मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराने का दबाव बनाया है।

ट्रूडो का भारत विरोधी एजेंडा

कनाडा में 2021 में हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, और एनडीपी ने किंगमेकर की भूमिका निभाई थी। इसके बाद, ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने एनडीपी के साथ एक समझौता किया, जिसमें एनडीपी ने ट्रूडो सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान समर्थन देने का वादा किया।

अब ट्रूडो की कोशिश है कि वह खालिस्तान समर्थक वोट बैंक और अन्य दलों को साधकर अपने राजनीतिक अस्तित्व को सुरक्षित रख सकें। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा ने बार-बार मांगने के बावजूद भारत के सामने सबूत पेश नहीं किए हैं, जो कि वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा लग रहा है।

विवाद का इतिहास

यह विवाद सितंबर 2023 में शुरू हुआ, जब ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। अब, भारत ने कनाडा के 6 डिप्लोमैट्स को वापस भेजने का आदेश दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक संबंधों में कमी आई है।

इस विवाद के चलते जहां कनाडा में भारतीय डिप्लोमैट्स की संख्या 9 रह जाएगी, वहीं भारत में कनाडा के 15 डिप्लोमैट्स होंगे। पहले, ओटावा में भारत के 12 डिप्लोमैट्स और दिल्ली में कनाडा के 62 डिप्लोमैट्स थे।

निष्कर्ष

भारत और कनाडा के बीच चल रहा यह विवाद न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर भी गंभीर परिणाम ला सकता है। ट्रूडो और उनकी सरकार को अपनी राजनीतिक मंशाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खतरे में डालने से बचना चाहिए, और दोनों देशों के बीच संवाद को कायम रखना चाहिए।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।