Delhi Government: दिल्लीवालों को मिलेगी राहत? रेखा सरकार EOL वाहनों को लेकर SC जाएगी

Delhi Government - दिल्लीवालों को मिलेगी राहत? रेखा सरकार EOL वाहनों को लेकर SC जाएगी
| Updated on: 06-Jul-2025 02:58 PM IST

Delhi Government: दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए लागू किए गए End of Life Vehicles (EOLV) प्रतिबंध के फैसले ने राजधानी में हलचल मचा दी है। दिल्ली सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू किए गए इस आदेश के तहत 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन वाहनों को न तो सड़कों पर चलने की अनुमति है और न ही इन्हें पेट्रोल पंपों से ईंधन दिया जा सकता है।

इस सख्त कदम का असर करीब 62 लाख वाहनों पर पड़ा है, जिनमें निजी कारें, टू-व्हीलर, ट्रक और विंटेज वाहन शामिल हैं। वहीं, इस प्रतिबंध के खिलाफ जनता में गुस्सा भी साफ नजर आ रहा है, जिससे मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच सकता है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का रुख साफ

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि सरकार जनता की आवाज को सुप्रीम कोर्ट में उठाएगी। “यह सिर्फ दिल्ली की नहीं, पूरे देश की लड़ाई है,” उन्होंने कहा। साथ ही उन्होंने बताया कि मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को पत्र लिखकर योजना को फिर से विचार के लिए प्रस्तुत करने का आग्रह किया है।

रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोग पहले से ही कई प्रकार के प्रशासनिक दबाव झेलते हैं और सरकार का उद्देश्य लोगों को राहत देना है, न कि उन्हें दंडित करना।

तकनीकी समस्याओं की ओर इशारा

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस प्रतिबंध को तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण बताया। उनका मानना है कि जिन लोगों ने अपने वाहन का रखरखाव सही किया है, उन्हें सजा देना उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसे खराब वाहनों को जब्त करने की प्रणाली विकसित कर रही है जो वास्तव में प्रदूषण फैला रहे हैं।

कैसे की जा रही थी पहचान?

दिल्ली के 498 पेट्रोल पंपों पर हाई-टेक कैमरे लगाए गए हैं जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करके एक सेंट्रल डेटाबेस से उनका ELV स्टेटस चेक करते हैं। यदि वाहन प्रतिबंध के दायरे में आता है, तो ईंधन देने से इनकार कर दिया जाता है।

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने जताई आपत्ति

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस आदेश पर आपत्ति जताई है। उन्होंने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि “राजधानी अभी इस प्रतिबंध के लिए तैयार नहीं है।” उन्होंने स्क्रैपिंग की अपर्याप्त सुविधाओं का हवाला देते हुए प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की है।

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