कमीशन में याचिका दाखिल कर कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों (Electricity Company) पर 20596 करोड़ रुपये निकल रहे हैं. इसके एवेज में अगले पांच सालों तक बिजली की दरों में 6.8 फीसदी की कटौती की जाएकमीशन में याचिका दाखिल कर कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों (Electricity Company) पर 20596 करोड़ रुपये निकल रहे हैं. इसके एवेज में अगले पांच सालों तक बिजली की दरों में 6.8 फीसदी की कटौती की जाएयूपी में बिजली की दरें कम किए जाने को लेकर उपभोक्ता परिषद की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है. इस याचिका पर यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन सुनवाई कर रही है. कमीशन ने इस मामले में पावर कोर्पोरेशन (Power Corporation) से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी है. वहीं इस मामले में उपभोक्ता परिषद भी काफी तेजी दिखा रहा है. परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस सिलसिले में आज ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की.अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री (Electricity Minister) से मुलाकात कर बिजली की कीमतें कम करने को लेकर सरकार से सहयोग मांगा. वहीं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी उन्हें इस मामले पर सहयोग का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए संकल्पित है. उन्होंने गरीब किसानों और आम जनता को राहत देने के लिए प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही.
उपभोक्ता परिषद की याचिका पर सुनवाईउपभोक्ता परिषद ने कमीशन में याचिका दाखिल कर कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों पर 20596 करोड़ रुपये निकल रहे हैं. इसके एवेज में उपभोक्ताओं के लिए अगले पांच सालों तक बिजली की दरों में 6.8 फीसदी की कटौती की जाए.बिजली की दरों में कटौती को लेकर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ऊपर्जा मंत्री से सरकार द्वारा सहयोग किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार को प्रस्ताव का सहयोग करने का निर्देश बिजली कंपनियों और पावर कॉर्पोरेशन को देना चाहिए. जिससे बिजली की कीमतों में कटौती की जा सके.
बिजली की महंगी खरीद पर कसे लगामअवधेश वर्मा ने ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा के सामने पावर कॉर्पोरेशन की आर्थिक स्थिति की मजबूती का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मजबूती के लिए बिजली की महंगी खरीद पर लगाम कसनी चाहिए इससे हर साल 2 हजार करोड़ रुपये बचाए जा सकते है. इसके साथ ही उन्होंने बिजली कंपनियों की फिजूल खर्ची पर भी लगाम कसने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे हर साल 500 करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं.