अवमानना केस: क्या माफी मांगेंगे प्रशांत भूषण? SC की डेडलाइन का आज आखिरी दिन
अवमानना केस - क्या माफी मांगेंगे प्रशांत भूषण? SC की डेडलाइन का आज आखिरी दिन
|
Updated on: 24-Aug-2020 08:11 AM IST
Delhi: अवमानना मामले में दोषी करार दिए जा चुके वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के लिए आज का दिन अहम होने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण से बिना शर्त माफीनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसके लिए प्रशांत भूषण को 24 अगस्त तक का समय दिया है। सर्वोच्च अदालत की ये डेडलाइन आज खत्म हो रही है। ऐसे में सबकी नजर इसपर होगी कि क्या प्रशांत भूषण माफी मांगेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने प्रशांत भूषण से अपने बयान पर विचार करने को कहा। अदालत का कहना है कि 24 अगस्त तक प्रशांत भूषण चाहें तो बिना शर्त माफीनामा दाखिल कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो 25 अगस्त को अदालत सजा पर फैसला सुनाएगी। 'दया की अपील नहीं'कोर्ट के फैसले पर प्रशांत भूषण ने कहा, पीड़ा है कि मुझे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया है, जिसकी महिमा मैंने एक दरबारी या जयजयकार के रूप में नहीं, बल्कि 30 वर्षों से एक संरक्षक के रूप में बनाए रखने की कोशिश की है।प्रशांत भूषण ने कहा कि मैं सदमे में हूं और इस बात से निराश हूं कि अदालत इस मामले में मेरे इरादों का कोई सबूत दिए बिना इस निष्कर्ष पर पहुंची है। प्रशांत भूषण ने महात्मा गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैं दया की अपील नहीं करता हूं। मेरे प्रमाणिक बयान के लिए कोर्ट की ओर से जो भी सजा मिलेगी, वह मुझे मंजूर है।क्या है पूरा मामलादरअसल, प्रशांत भूषण ने 27 जून को अपने एक ट्वीट में न्यायपालिका के छह वर्ष के कामकाज को लेकर एक टिप्पणी की थी, जबकि 22 जून को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर दूसरी टिप्पणी की थी। ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को नोटिस भेजा था। नोटिस के जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा था कि सीजेआई की आलोचना सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करता।ण ने ये भी कहा कि चार पूर्व सीजेआई को लेकर ट्वीट के पीछे मेरी सोच है, जो भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना नहीं है। बता दें कि कोर्ट की अवमानना अधिनियम की धारा 12 के तहत तय किए गए सजा के प्रावधान के मुताबिक, दोषी को छह महीने की कैद या दो हजार रुपये तक नकद जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है।
Disclaimer
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।