Supreme Court: SC का आवारा कुत्तों को लेकर बदल जाएगा आदेश? CJI की टिप्पणी से जगी आस

Supreme Court - SC का आवारा कुत्तों को लेकर बदल जाएगा आदेश? CJI की टिप्पणी से जगी आस
| Updated on: 13-Aug-2025 02:02 PM IST

Supreme Court: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश जारी किया था। कोर्ट ने प्रशासन को इस कार्य को पूरा करने के लिए 8 हफ्तों का समय दिया और स्पष्ट निर्देश दिए कि इस आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि शेल्टर होम में स्थानांतरित किए गए कुत्तों का रिकॉर्ड रखा जाए। इस फैसले में पशु जन्म नियंत्रण नियमों (ABC Rules) की आलोचना करते हुए कोर्ट ने कहा कि समाज को सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।

आदेश पर विवाद

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने समाज में दो धड़ों को जन्म दिया है। जहां कुछ लोग इस आदेश का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कई पशु प्रेमी और कार्यकर्ता इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। कई बॉलीवुड हस्तियों, अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने इस आदेश को पलटने की मांग की है। उनका तर्क है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में स्थानांतरित करना उनके लिए क्रूरता हो सकता है और इससे उनकी प्राकृतिक जीवनशैली प्रभावित होगी। दूसरी ओर, समर्थकों का कहना है कि कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, जिसके कारण यह कदम जरूरी है।

सीजेआई की टिप्पणी

इस मामले में बढ़ते विवाद को देखते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने इस आदेश की समीक्षा करने की बात कही है। एक महिला वकील ने सीजेआई गवई के समक्ष इस मुद्दे को उठाया, जिसमें उन्होंने सामुदायिक कुत्तों के पुनर्वास और उनके खिलाफ हिंसा रोकने की बात कही। सीजेआई ने जवाब में कहा, "मैं इस पर विचार करूंगा।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एक अन्य पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन शामिल थे, ने पहले ही इस मामले में आदेश पारित किया था। इस पीठ ने सोमवार को कुत्तों के काटने की घटनाओं को "बेहद गंभीर" बताते हुए सभी आवारा कुत्तों को तत्काल शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था।

इसके अतिरिक्त, मई 2024 में न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने आवारा कुत्तों से संबंधित याचिकाओं को संबंधित उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। सीजेआई ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर गंभीरता से विचार करेंगे, जिससे पशु प्रेमियों में एक नई उम्मीद जगी है।

आगे की राह

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे देश में आवारा कुत्तों के प्रबंधन और पशु कल्याण के मुद्दे पर एक बड़ी बहस छेड़ चुका है। एक तरफ जहां समाज की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर पशु अधिकारों की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है। सीजेआई की समीक्षा और इस मामले में भविष्य के फैसले इस संतुलन को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इस बीच, प्रशासन पर यह जिम्मेदारी है कि वह कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए कुत्तों के पुनर्वास को मानवीय तरीके से सुनिश्चित करे। पशु प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला क्या होता है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।