Israel-Iran war: पिछला हफ्ता शेयर बाजार के लिए किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं रहा। तीन दिन की लगातार गिरावट के बाद शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी ने जोरदार वापसी की और 1.6% की तेजी के साथ सप्ताह का समापन किया। लेकिन बाजार की यह राहत ज्यादा भरोसेमंद नहीं लग रही, क्योंकि वैश्विक मंच पर उथल-पुथल अब भी जारी है। खासकर इजराइल-ईरान जंग में अमेरिका की सक्रिय भागीदारी ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। अब सबकी नजरें सोमवार के बाजार की चाल पर टिकी हैं—क्या होगा अगला कदम?
जंग की आग अब और भड़क उठी है। अमेरिका ने इजराइल का साथ देते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। इसके जवाब में ईरान ने भी पलटवार की धमकी दी है। मिडिल ईस्ट में बड़े युद्ध की आशंका के कारण बाजार में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। इस तनाव का सीधा असर निवेशकों की भावनाओं और बाजार की चाल पर पड़ेगा।
शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में ज्यादा हलचल नहीं दिखी।
डाउ जोंस: 0.08% बढ़त के साथ बंद
S&P 500: 0.22% गिरावट
नैस्डैक: 0.51% की कमजोरी
सोमवार को भारतीय बाजार, वॉल स्ट्रीट के संकेतों को नजर में रखकर खुलेगा। यदि वैश्विक स्तर पर तनाव और नहीं बढ़ा, तो बाजार थोड़ी राहत की सांस ले सकता है।
इस सप्ताह 13 नए IPO बाजार में दस्तक देंगे, जिनसे लगभग ₹16,000 करोड़ जुटाए जाने की उम्मीद है।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज – HDFC बैंक की यह NBFC यूनिट निवेशकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण होगी।
SME सेगमेंट में भी 8 कंपनियां लिस्ट होंगी। निवेशकों को तय करना होगा कि वे किसमें पैसा लगाएं और किससे दूरी बनाएं।
करीब 48 कंपनियों द्वारा डिविडेंड, स्टॉक स्प्लिट, बोनस शेयर जैसे फैसलों की घोषणा की जाएगी। इनमें शामिल हैं:
HDFC बैंक
वेदांता
HUL
पॉलीकैब
बजाज फिनसर्व
सिप्ला
इन घोषणाओं का असर संबंधित स्टॉक्स पर और पूरे मार्केट मूड पर पड़ेगा।
FII ने शुक्रवार को ₹7,940 करोड़ की खरीदारी की, जबकि DII ने ₹3,049 करोड़ की बिकवाली की।
जून में FII की कुल बिकवाली ₹4,192 करोड़ रही है।
अगर विदेशी निवेशक दोबारा बिकवाली मोड में आते हैं, तो बाजार की गिरावट गहरी हो सकती है। DII की रणनीति भी संतुलन बनाए रखने में अहम होगी।
टेक्निकल चार्ट्स के मुताबिक, निफ्टी ने शुक्रवार को बुलिश कैंडल बनाई है।
अगला रेजिस्टेंस: 25,200
ब्रेकआउट के बाद टारगेट: 25,500
बड़ा सपोर्ट लेवल: 24,700
खतरे की घंटी: 24,400 के नीचे जाने पर गिरावट तेज हो सकती है
रुपया: शुक्रवार को ₹86.58/$ पर बंद, ट्रम्प के बयान से कुछ राहत
कच्चा तेल: पिछले एक महीने में 10% बढ़त
WTI: $74.04
ब्रेंट: $77.01
मिडिल ईस्ट संकट गहराने पर तेल की कीमतों में और उछाल आ सकता है, जो बाजार की सेहत के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
अमेरिका-ईरान तनाव अगर और बढ़ता है, तो बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है
HDB फाइनेंशियल का IPO सेंटीमेंट को कुछ हद तक संभाल सकता है
अगर वॉल स्ट्रीट से पॉजिटिव संकेत मिले, तो गिरावट सीमित रह सकती है
टेक्निकल चार्ट्स मजबूत हैं, इसलिए लोअर सर्किट जैसी स्थिति की संभावना नहीं है
लेकिन, सावधानी जरूरी है—हर खबर, हर बयान, हर ग्लोबल मूवमेंट को नजरंदाज करना नुकसानदेह हो सकता है