Delhi Riots Chargesheet: गवाह का दावा- CAA विरोधी प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे, कपिल मिश्रा के लोगों ने पंडाल जला दिया

Delhi Riots Chargesheet - गवाह का दावा- CAA विरोधी प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे, कपिल मिश्रा के लोगों ने पंडाल जला दिया
| Updated on: 24-Jun-2020 10:42 AM IST
नई दिल्ली। नॉर्थईस्ट दिल्ली में इसी साल फरवरी में हुए दंगों (Delhi Riots) को लेकर दिल्ली पुलिस चार्जशीट (Chargesheet) दायर कर चुकी है। जबकि, दंगे में मारे गए दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में अलग से करीब 1100 पेज की चार्जशीट दाखिल हुई है। मुख्य चार्जशीट में बीजेपी नेता (BJP) नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) का कहीं कोई जिक्र नहीं है। लेकिन, हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या के मामले में दायर चार्जशीट में कपिल मिश्रा के खिलाफ एक गवाह के बयान को भी शामिल किया गया है। इस गवाह का दावा है कि 24 फरवरी को कपिल मिश्रा के लोगों को उस पंडाल को आग लगाने के बारे में बात करते सुना था, जहां कुछ लोग नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

बता दें कि दिल्ली हिंसा को लेकर कपिल मिश्रा के 'भड़काऊ' भाषण पर दिल्ली पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में हुए प्रदर्शन के दौरान कपिल मिश्रा का 'रास्ता खाली कराएंगे' की धमकी का चार्टशीट में कहीं ज़िक्र नहीं है। दंगों की साज़िश में सिर्फ़ जामिया और नागरिकता कानून के विरोधियों पर आरोप है। ऐसे में इस गवाह के बयान से दिल्ली हिंसा को लेकर कई अहम परतें खुल सकती हैं।

अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, इस गवाह का नाम नज़म उल हसन है। चार्जशीट के मुताबिक, हसन विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने उपद्रवियों को आगजनी करते तो नहीं देखा, मगर उनके चिल्लाने की आवाजें जरूर सुनी थी। दिल्ली पुलिस ने हसन को चार्जशीट में अहम गवाहों की लिस्ट में शामिल किया है। चार्जशीट में लिखा गया है कि नज़म उल हसन ने चांद बाग इलाके में हुई हिंसा की साजिश की बात सुनी थी। दिल्ली पुलिस ने हसन के अलावा 164 गवाहों का नाम चार्जशीट में शामिल किया है। इसमें 76 पुलिसकर्मी और 7 वहां के स्थानीय निवासी हैं।

सीआरपीसी की धारा 164 के तहत हसन का बयान दर्ज किया गया था, जो आपराधिक मुकदमे के अंतर्गत आता है। अपने बयान में हसन कहते हैं- "।।। पंडाल में कपिल मिश्रा के कुछ लोगों ने आग लगा दी। मैंने ये देखा नहीं, पर लोग ऐसा चिल्ला रहे थे।" इस चार्जशीट पर जब कपिल मिश्रा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

कपिल मिश्रा ने इसके पहले दिल्ली हिंसा को लेकर खुद पर लगे आरोपों पर सफाई दी थी। मिश्रा ने कहा था कि उनके समर्थकों ने पथराव किया था और साइट पर उनकी मौजूदगी सिर्फ दबाव को कम करने के लिए थी, क्योंकि लोग आक्रोशित थे। विरोध प्रदर्शनों ने दो रास्तों को ब्लॉक कर दिया था, जो कि इस इलाके की लाइफ लाइन है।

23 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास एक CAA के खिलाफ आयोजित एक रैली में हिंसा में भी कपिल मिश्रा की भूमिका बताई जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ जाफराबाद विरोध स्थल से लगभग 2 किमी की दूरी पर इकट्ठा हुए थे। पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों को धमकी दी गई। इसके तुरंत बाद कपिल मिश्रा ने भड़काऊ ट्वीट किया- 'जब तक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत में है, हम शांति से छोड़ रहे हैं।।। उसके बाद हम आपकी (पुलिस की) नहीं सनेंगे। रास्ता खाली कराएंगे।

दंगे में कपिल मिश्रा की भूमिका को लेकर नज़म उल हसन आगे दावा करते हैं: '।।।सर्विस रोड पर नारे लगाए जा रहे थे। चांद बाग के कुछ लोग इस नाकाबंदी के खिलाफ थे। मैं सुबह लगभग 11 बजे नहाने के बाद वहां गया था।।। कुछ देर में हिंसा भड़की। कई पुरुष और महिलाएं घायल हो गए। जब मैंने पूछताछ की, तो मुझे भीड़ ने बताया कि SHO (भजनपुरा PS) ने लाठीचार्ज का आदेश दिया था। यह सूचना पूरे इलाके में फैल गई थी। जब ये सूचना मुस्तफाबाद पहुंची, तो वहां के लोग भी चांद बाग के लिए निकल पड़े।।।'

पुलिस कार्रवाई का उल्लेख करते हुए बयान में कहा गया है- '… ACP ने भीड़ से बात की ताकि वे हालात को समझ सके। उन्होंने दो कांस्टेबलों को भेजा, लेकिन जब वे मौके पर पहुंचे, तो भीड़ उनके आसपास जमा हो गई। उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत हुआ है, तो उचित जांच की जाएगी।'

अपने बयान में हसन का दावा है कि जब अराजकता बढ़ गई, तो वे अपने घर निकल गए। कुछ देर बाद जब दोबारा वहां गए, तो कुछ लोगों को कथित तौर पर पंडाल में आग लगाने के बारे में चिल्लाते हुए सुना। कुछ मिनट बाद पंडाल में आग लग गई।

हसन ने ये भी दावा किया: “षड्यंत्रकारी पूरी तरह से जानते थे कि हिंसा भड़क सकती है। आयोजकों और प्रदर्शनकारियों ने मार्च और सड़क ब्लॉक करने के लिए तारीख और समय चुना। जो 23-24 फरवरी थी, क्योंकि वो जानते थे कि इस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर हैं। ऐसे में दंगे को लेकर ज्यादा असर पड़ेगा।'

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।