Crime: दिव्यांग पर चढ़ाई कार, मदद को आए लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

Crime - दिव्यांग पर चढ़ाई कार, मदद को आए लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
| Updated on: 06-Feb-2021 01:18 PM IST
Ghaziabad: गाजियाबाद में रईसजादों ने शुक्रवार रात को कविनगर जैन मंदिर के सामने एक दिव्यांग पर कार चढ़ा दी। हादसा इतना भीषण था कि दिव्यांग अपने रिक्शा समेत सड़क से करीब 10 फुट दूर जा गिरा और कार करीब 50 मीटर जाकर पलट गई। हादसे के बाद मदद को आए लोगों को रईसजादों के दोस्तों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

लोग मदद के लिए पुलिस और एंबुलेंस को फोन करते रहे, लेकिन घटना के करीब 25 मिनट बाद डायल-112 की गाड़ी पहुंची। जबकि संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस को पहुंचने में करीब 40 मिनट लग गए। बताया गया कि कार से कुछ खाली बोतलें और गिलास भी मिले हैं।

रात करीब 10 बजे लग्जरी कार सवार कविनगर निवासी युवक तीन दोस्तों के साथ नासिरपुर फाटक की तरफ से नया रेलवे स्टेशन की तरफ आ रहा था। कार की रफ्तार काफी ज्यादा थी। जैन मंदिर के सामने घर लौट रहे अवंतिका-47 निवासी दिव्यांग नीरज कुमार पर पीछे से कार चढ़ा दी। हादसा इतना भीषण था कि रिक्शा सड़क से 10 फुट दूर रेलवे लाइन की दीवार से जा टकराया। 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आरोपी 100 किमी प्रतिघंटा से भी ज्यादा की रफ्तार से कार चला रहे थे। रिक्शा को टक्कर मारने के बाद कार डिवाइडर से जा टकराई। कार करीब 50 मीटर दूर बीच सड़क पर जा पलटी। कार पलटने की आवाज सुन आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े। कुछ लोगों ने कार सवार युवकों को बाहर निकाला तो कुछ ने दिव्यांग को उठाकर एक तरफ लिटाया।

मदद करने वाले लोगों ने कार सवार युवकों से पूछा कि दिव्यांग का इलाज कौन कराएगा। इस बीच एक-एक करके कार सवार तीन युवक मदद के लिए पहुंची दोस्त की लग्जरी कार में जाकर बैठ गए। जबकि कुछ युवक मदद करने वालों से बहस करने लगे। रईसजादों ने अपने दोस्तों को फोन कर बुला लिया। थोड़ी देर में ही उनके दोस्त लग्जरी गाड़ियों में पहुंच गए। इस पर उन्होंने बीच सड़क पर मदद करने वाले आम लोगों के साथ मारपीट की।

पीटते रहे मददगार, नहीं पहुंची पुलिस

इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की त्वरित मदद भी लोगों को नहीं मिल पाई। एक्सीडेंट के बाद लोग मदद के लिए डायल 112, 108 व स्थानीय थाने को कॉल करते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं पहुंची। यहां तक की बीच सड़क पर मदद करने वाले लोगों को रईसजादों के दोस्तों ने दौड़ाकर पीटा, लेकिन पुलिस का कोई अता पता नहीं रहा।

मदद के लिए नहीं रुके लोग

हादसे के वक्त कविनगर रोड से तमाम लोग गाड़ियों से गुजरते रहे। मदद को दौड़े लोगों ने कार सवार लोगों को हाथ देकर रोका और फिर हाथ जोड़कर अनुरोध भी किया कि किसी भी तरह से दिव्यांग को अस्पताल तक पहुंचा दो, लेकिन कोई नहीं रुका। एक कार चालक ने कार रोकी लेकिन जैसे ही पता चला कि दिव्यांग को अस्पताल पहुंचाना है तो अपनी गाड़ी का सेंट्रल लॉक ही नहीं खोला। यह कहकर मनाकर दिया कि मुझे एक इमरजेंसी काम है। इसी बीच एक ई-रिक्शा चालक को रोका, जिस पर पहले से सामान लदा था। लोगों ने उसके हाथ जोड़े तो वह अपने ई-रिक्शा से ले जाने को राजी हुआ।

निजी अस्पतालों ने भर्ती करने में की आनाकानी

दिव्यांग को भर्ती करने के लिए निजी अस्पतालों का भी दिल नहीं पसीजा। देर रात को घायल दिव्यांग को नेहरू नगर के अस्पताल में लेकर पहुंचे तो वहां पर भर्ती करने से मना कर दिया। शायद अस्पतालों को लगा कि गरीब दिव्यांग का पैसा कौन देगा।

उसके बाद घायल को एमएमजी जिला अस्पताल में भेजा गया, जहां पर चिकित्सकों ने कहा कि जब तक पेपर नहीं आ जाते हैं तब तक भर्ती नहीं किया जा सकता। बाद में दिव्यांग को नेहरूनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।