IND vs SA / गेंदबाजों ने बढ़ाई गिल-गंभीर की टेंशन, 15 साल की बादशाहत पर खतरा

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन ने शुभमन गिल और गौतम गंभीर की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ अनऑफिशियल टेस्ट में आकाश दीप और कुलदीप यादव जैसे गेंदबाज महंगे साबित हुए, जिससे भारत की 15 साल की घरेलू बादशाहत खतरे में पड़ गई है।

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच बहुप्रतीक्षित 2 मैचों की टेस्ट सीरीज 14 नवंबर से कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में शुरू होने जा रही है। इस सीरीज में युवा कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम अपने घरेलू मैदान पर एक और टेस्ट सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगी। हालांकि, सीरीज शुरू होने से पहले ही टीम इंडिया के खेमे में चिंता की लकीरें उभर आई हैं, जिसकी मुख्य वजह भारतीय गेंदबाजों का हालिया निराशाजनक प्रदर्शन है। हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान गिल के लिए यह स्थिति किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है, खासकर तब जब टीम को हाल ही में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ एक अनऑफिशियल टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा है। हाल ही में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ खेले गए अनऑफिशियल टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद साधारण रहा, जिसने टीम प्रबंधन की नींद उड़ा दी है।

इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका ए के सामने चौथी पारी में 417 रनों का विशाल लक्ष्य था, जिसे भारत जैसी कंडीशन में चेज करना लगभग असंभव माना जाता है। लेकिन भारतीय टीम के स्टार गेंदबाजों की मौजूदगी के बावजूद, साउथ अफ्रीका ए ने इस लक्ष्य। को सिर्फ 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया, जो भारतीय गेंदबाजी की कमजोरी को उजागर करता है। यह प्रदर्शन आगामी टेस्ट सीरीज के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जहां। भारतीय गेंदबाजों को विश्व स्तरीय साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों का सामना करना होगा।

प्रमुख गेंदबाजों का विश्लेषण

इस सीरीज के लिए भारतीय स्क्वॉड में आकाश दीप, जसप्रीत। बुमराह, कुलदीप यादव और मोहम्मद सिराज जैसे नामी गेंदबाज शामिल हैं। इनमें से आकाश दीप, कुलदीप यादव और मोहम्मद सिराज ने साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ अनऑफिशियल टेस्ट में हिस्सा लिया था, और उनका प्रदर्शन उम्मीदों से काफी नीचे रहा। आकाश दीप, जो इस सीरीज से टीम में वापसी कर रहे हैं, ने 22 ओवर में 106। रन खर्च किए और केवल 1 विकेट ही ले पाए, उनकी इकॉनमी लगभग 5 रन प्रति ओवर रही। वहीं, स्पिनर कुलदीप यादव ने 17 ओवर में 81 रन लुटाए और एक भी विकेट हासिल नहीं कर सके, उनकी इकॉनमी भी लगभग 4. 76 रही। मोहम्मद सिराज ने 17 ओवर में 53 रन देकर 1 विकेट लिया, जो अन्य दो गेंदबाजों से बेहतर था, लेकिन फिर भी टीम को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था और इन आंकड़ों से साफ है कि गेंदबाजों को अपनी लय और सटीकता पर काम करने की सख्त जरूरत है।

घरेलू मैदान पर बादशाहत पर खतरा

भारतीय टीम का अपने घर में टेस्ट क्रिकेट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक शानदार रिकॉर्ड रहा है। अफ्रीकी टीम पिछले 15 सालों से भारतीय जमीन पर टेस्ट मैच जीतने के लिए तरस रही है। साउथ अफ्रीका ने आखिरी बार भारत में टेस्ट मैच साल 2010 में जीता था। वह मुकाबला नागपुर के मैदान पर खेला गया था, जिसमें साउथ अफ्रीका ने भारत को एक पारी और 6 रनों से करारी शिकस्त दी थी। उस मैच में हाशिम अमला ने शानदार दोहरा शतक (253) और जैक कैलिस ने (173) रन बनाकर साउथ अफ्रीका को पहली पारी में 558 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करने में मदद की थी और भारतीय बल्लेबाज दोनों ही पारियों में फ्लॉप रहे थे, जिसके चलते टीम को हार का सामना करना पड़ा था। अगर भारतीय गेंदबाजों का मौजूदा प्रदर्शन ऐसा ही रहता है, तो 15 साल से चली आ रही यह बादशाहत खतरे में पड़ सकती है, और साउथ अफ्रीका इस बार भारत में टेस्ट जीतने का अपना सूखा खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार नजर आ रही है।

आगे की चुनौतियां

शुभमन गिल और गौतम गंभीर के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे अपने गेंदबाजों को आगामी सीरीज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करें। जसप्रीत बुमराह की वापसी से गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती मिलेगी, लेकिन अन्य गेंदबाजों को भी अपनी फॉर्म और आत्मविश्वास वापस पाने की जरूरत है। ईडन गार्डन्स की पिच पर गेंदबाजों को अपनी लाइन और लेंथ पर नियंत्रण रखना होगा और साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों पर दबाव बनाना होगा। यह सीरीज न केवल भारत की घरेलू बादशाहत को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि युवा कप्तान गिल और कोच गंभीर के लिए भी एक अग्निपरीक्षा साबित होगी।