देश / इस आइटम को बैन करने की तैयारी में सरकार, Amul कंपनी हुई मजबूर, PM को लिखी चिट्ठी

Zoom News : Jun 10, 2022, 07:56 PM
Plastic Straw Ban: भारत सरकार प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर पूरी तरह से बैन लगाने की तैयारी में है. सरकार ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि 1 जुलाई से इस पर पूरी तरह से बैन लगाया जाएगा. इसके बाद तमाम कंपनियों ने इस पर आपत्ति भी दर्ज की थी. 

किस पर पड़ेगा इस बैन का असर

बता दें कि इस बैन का सबसे ज्यादा प्रभाव पैक्ड जूस (Packed Juice) और डेयरी उत्पादों (Dairy Products) पर पड़ेगा. हाल ही में डेयरी ग्रुप अमूल (Amul) ने इस मामले में सरकार को पत्र भी लिखा है. अमूल ने PMO को लिखे लेटर में कहा है कि प्लास्टिक स्ट्रॉ पर लगने वाले प्रतिबंध को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए. अमूल का तर्क है कि सरकार के इस फैसले से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक (Milk Producer) देश के किसानों और दूध की खपत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

राहत देने के मूड में नहीं सरकार  

यह पहला मामला नहीं है जब कोई कंपनी प्लास्टिक स्ट्रॉ पर छूट देने की अपील कर रही हो. लेकिन सरकार इसे ठुकराती आई है. अब अमूल ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में पत्र लिखकर गुजारिश की है. PMO को लिखे पत्र में अमूल के प्रबंधक निदेशक आर.एस.सोढ़ी ने कहा कि प्लास्टिक के स्ट्रॉ दूध की खपत को बढ़ाने में मदद करते हैं.

डेयरी किसानों को मिलेगी राहत

PMO को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर बैन के फैसले को कुछ दिन के लिए आगे बढ़ाने से देश के 10 करोड़ डेयरी किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. खबरों के मुताबिक प्लास्टिक स्ट्रॉ कम इस्तेमाल होने वाला उत्पाद है, जिसे पेपर स्ट्रॉ के साथ बदला जा सकता है. 5 रुपये से 30 रुपये के बीच की कीमत वाले जूस और दूध वाले प्रोडक्ट्स का भारत में बड़ा कारोबार है. अमूल, पेप्सिको, कोका-कोला के ज्यादातर पेय पदार्थ प्लास्टिक स्ट्रॉ पर ही पैक करके ग्राहकों तक पहुंचाए जाते हैं.

पेपर स्ट्रॉ का इंपोर्ट शुरू 

पारले एग्रो का कहना है कि कंपनी ने अभी के लिए पेपर स्ट्रॉ का आयात करना शुरू कर दिया है, लेकिन यह टिकाऊ नहीं है. सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए पिछले साल अगस्त में अधिसूचना जारी की थी. इसमें जुलाई 2022 से तमाम तरह आइटमों पर प्रतिबंध लागाने के लिए कहा गया था. इसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने नोटिस जारी किया था.

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