- भारत,
- 11-Nov-2025 08:16 AM IST
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते के अंतिम चरण में होने का संकेत दिया है। यह घोषणा दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को एक नई दिशा देने की क्षमता रखती है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में वृद्धि की उम्मीद है। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका भारत पर लगाए गए टैरिफ को कम करने पर विचार करेगा, जो कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक बाधाओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
टैरिफ में कमी के संकेत
ट्रंप ने मंगलवार को सर्जियो गोर के भारत में राजदूत के रूप में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान इन महत्वपूर्ण टिप्पणियों को साझा किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह व्यापार समझौता ‘पहले से बहुत अलग’ होगा, जो मौजूदा व्यापारिक ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। ओवल ऑफिस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए, ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार समझौते की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ एक डील कर रहे हैं और ये डील पहले से बहुत अलग है। ” यह बयान इस बात पर जोर देता है कि प्रस्तावित समझौता केवल मौजूदा समझौतों का विस्तार नहीं है, बल्कि एक व्यापक और पुनर्गठित व्यापारिक ढांचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को कम करने की संभावना पर भी बात की और उन्होंने कहा, “अभी रूसी तेल की वजह से भारत पर टैरिफ बहुत ज़्यादा हैं, और उन्होंने रूसी तेल का व्यापार बंद कर दिया है। इसमें काफी कमी की गई है। हां, हम टैरिफ कम करने जा रहे हैं। किसी समय हम इसे कम करेंगे और ” यह बयान भारत की ऊर्जा आयात नीतियों में बदलाव और उसके परिणामस्वरूप अमेरिकी व्यापार नीति में संभावित समायोजन के बीच एक सीधा संबंध स्थापित करता है। टैरिफ में कमी से भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजारों तक बेहतर पहुंच मिल सकती है, जिससे भारतीय। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ताओं के लिए अमेरिकी उत्पादों की लागत भी कम हो सकती है।ट्रंप का आत्मविश्वास और भारत की वार्ता क्षमता
ट्रंप ने अपने विशिष्ट अंदाज में कहा, “अभी वे मुझे पसंद नहीं करते, लेकिन वे हमें फिर से पसंद करेंगे। ” यह टिप्पणी भारत के साथ चल रही बातचीत की जटिल प्रकृति और ट्रंप के अपने वार्ता कौशल में उनके विश्वास को दर्शाती है और उन्होंने भारत को ‘बहुत अच्छे वार्ताकार’ बताया, जो भारतीय प्रतिनिधियों की बातचीत की क्षमता की सराहना करता है। ट्रंप ने राजदूत सर्जियो गोर को इस महत्वपूर्ण सौदे पर ‘गौर’ करने का निर्देश दिया, यह दर्शाता है कि यह समझौता उनके प्रशासन के लिए एक उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह समझौता ‘सभी के लिए अच्छा’ होगा, जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक लाभ की उम्मीद जगाता है।रूसी तेल और टैरिफ का संबंध
टैरिफ के मुद्दे पर, ट्रंप ने विशेष रूप से ‘रूसी तेल’ के कारण भारत पर उच्च टैरिफ लगाए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत ने रूसी तेल का व्यापार ‘बंद कर दिया है’ और इसमें ‘काफी कमी की गई है’। यह एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और आर्थिक विकास है, जो दर्शाता है कि भारत की ऊर्जा खरीद नीतियां अमेरिकी व्यापार निर्णयों को कैसे प्रभावित करती हैं। रूसी तेल पर निर्भरता कम करने के भारत के प्रयासों को अमेरिका द्वारा व्यापारिक रियायतों के साथ पुरस्कृत किया जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक संरेखण को मजबूत करता है। यह कदम वैश्विक ऊर्जा बाजारों और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भी व्यापक प्रभाव डाल सकता है।राजदूत सर्जियो गोर की भूमिका
सर्जियो गोर की भारत में राजदूत के रूप में नियुक्ति और उनके शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ये घोषणाएं की गईं और ट्रंप ने गोर पर भरोसा जताया कि वे ‘हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संबंधों में से एक, भारत गणराज्य के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में मदद करेंगे। ’ उन्होंने भारत को ‘दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक, दुनिया का सबसे बड़ा देश और 1. 5 अरब से ज़्यादा आबादी’ वाला बताया, जो भारत के वैश्विक महत्व को रेखांकित करता है। राजदूत गोर की भूमिका में प्रमुख अमेरिकी उद्योगों और तकनीकों में निवेश को बढ़ावा देना, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात बढ़ाना और सुरक्षा सहयोग का विस्तार करना शामिल होगा। यह दर्शाता है कि व्यापार समझौता केवल वस्तुओं और सेवाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें व्यापक आर्थिक और रणनीतिक सहयोग भी शामिल है।प्रधानमंत्री मोदी के साथ संबंध
ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने ‘उत्कृष्ट संबंधों’ पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सर्जियो गोर ने पहले से ही प्रधानमंत्री मोदी के साथ ‘मित्रवत’ संबंध स्थापित कर लिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी। नेताओं के बीच व्यक्तिगत तालमेल अक्सर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और ट्रंप की टिप्पणी इस बात पर जोर देती है कि यह व्यक्तिगत संबंध व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने में सहायक रहा है और यह मजबूत संबंध भविष्य में अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर सहयोग के लिए एक सकारात्मक आधार प्रदान करता है।भविष्य की संभावनाएं
यह घोषणा भारत और अमेरिका के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। टैरिफ में कमी और एक नए व्यापार समझौते की संभावना दोनों देशों के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि के अवसर पैदा कर सकती है और यह समझौता न केवल व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी गहरा करेगा, जिससे वैश्विक मंच पर दोनों देशों की स्थिति और मजबूत होगी। सर्जियो गोर की भूमिका इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि वे इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जमीन पर काम करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह समझौता कैसे आकार लेता है और यह दोनों देशों के नागरिकों के लिए क्या लाभ लाता है।#WATCH US President Donald Trump says, "We're making a deal with India, a much different deal than we had in the past. So right now, they don't love me, but they'll love us again. We're getting a fair deal, just a fair trade deal. We had pretty unfair trade deals...But we're… pic.twitter.com/r93gmaU7xk
— ANI (@ANI) November 10, 2025
#WATCH | "Well, right now, the tariffs are very high on India because of the Russian oil, and they've stopped doing the Russian oil. It's been reduced very substantially. Yeah, we're going to be bringing the tariffs down...At some point, we're going to be bringing them down..."… pic.twitter.com/oGpHQXJLhE
— ANI (@ANI) November 10, 2025
